भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था साल के अधिकांशतः समय चुनावी माहौल से सराबोर है और चुनावों में अंधाधुंध पैसा खर्च करना भारतीय नेताओं की पहचान है। बाबा फरीद की नगरी फरीदाबाद में भी कुछ ऐसा ही हाल है।
नगर निगम का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने भी निगम चुनाव में अंधाधुंध पैसा खर्च किया परन्तु उस खर्च का हिसाब निर्वाचन अधिकारी जे पास जमा नहीं करवाया , जिस पर कार्यवाही करते हुए नगर उन उम्मीदवारों को नोटिस भेजा है।
दरअसल, नगर निगम पार्षद के चुनाव हुए लगभग साढ़े चार साल का समय बीत चुका है। चुनाव के समय पार्षद पद के उम्मीदवारों ने जमकर पैसा तो खर्च किया परन्तु उसका हिसाब देना निर्वाचन अधिकारी को भूल गए। इसी को लेकर नगर निगम ने उम्मीदवारों को नोटिस चस्पा किया है। नोटिस के अनुसार 29 जनवरी को पंचकूला में राज्य निर्वाचन आयोग के सामने नगर निगम उम्मीदवारों को पेश होना है।
आपको बता दे कि नगर निगम के पार्षद पद के चुनाव 2017 में हुए थे। इस चुनाव में सैकड़ों प्रत्याशियों ने पार्षद पद के लिए अपनी उम्मीदवारी दर्ज कराई । राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी उम्मीदवारों को चुनाव खर्च दर्ज के लिए एक रजिस्टर भी दिया।
इस रजिस्टर को समय- समय पर राज्य निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक से जाँच करानी थी। जिन उम्मीदवारों ने समय पर चुनाव खर्च जमा करवा दिए उन्हें यह नोटिस नही दिया गया है। काफी उम्मीदवार ऐसे थे चुनाव हार गए परन्तु उन्होंने अपने खर्च का ब्यौरा जमा नही करवाया।
ऐसे उम्मीदवारों को नगर निगम ने निजी तौर पर अपना जवाब देने के लिए नोटिस दिया है। नोटिस की प्रति जिला निर्वाचन अधिकारी और जिला उपायुक्त यशपाल यादव को सूचनार्थ भेजी गई है। अगर कोई उम्मीदवार नोटिस के बाद भी अधिकारी पंचकूला में हाजिर नही होता है चुनाव आयोग उस पर भविष्य में चुनाव लड़ने पर प्रतिबन्ध लगा देगा।
Written by Rozi Sinha