हरियाणा में एक बार फिर जनसुझावों पर पेश होगा बजट, मगर नहीं आयोजित होगी प्री-बजट बैठक

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा राज्य में वित्तीय वर्ष यानी कि 2021-22 के बजट के लिए विधायकों से लिखित रूप में सुझाव मांगे गए हैं। आपको बता दें कि यह दूसरी बार ऐसा मौका मिला है कि हरियाणा में एक बार फिर जन्म सुझावों पर आधारित बजट पेश किया जाएगा।

वैसे इस बार परिवर्तन की बात करें तो पिछले बार की तरह इस बार पिछली बार की तरह इस बार विधायकों, उद्यमियों के साथ प्री-बजट बैठक नहीं होंगी। राज्य में वित्त मंत्री का कार्यभार भी देख रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पत्र लिखकर सभी विधायकों से 10 फरवरी तक लिखित सुझाव भेजने का आग्रह किया है।

हरियाणा में एक बार फिर जनसुझावों पर पेश होगा बजट, मगर नहीं आयोजित होगी प्री-बजट बैठक

आपको बताते चलें कि पिछली बार गुरुग्राम,फरीदाबाद, पंचकूला में प्री-बजट बैठक आयोजित करके उद्यमियों, व्यापारियों सहित विधायकों के सुझाव लिए थे। इसके अतिरिक्त बजट में करीब 200 सुझाव शामिल कर बजट को जन बजट भी बना दिया था।

वहीं मुख्यमंत्री खट्टर ने बताया है कि पिछले साल उन्हें प्री-बजट बैठकों में जो 200 सुझाव मिले थे उनमें से 71 का कार्यान्वयन हो चुका है। इसके अलावा 86 प्रस्तावों पर काम चल रहा है।

हरियाणा में एक बार फिर जनसुझावों पर पेश होगा बजट, मगर नहीं आयोजित होगी प्री-बजट बैठक

बजट चर्चा के दौरान भी कई विपक्षी विधायकों ने अपने मद बजट में शामिल किए जाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल का आभार जताया। बताया जा रहा है कि इस बार मुख्यमंत्री कोविड-19 के प्रकोप के चलते विधायकों के साथ प्री-बजट बैठक नहीं करेंगे लेकिन जो सुझाव आएंगे,

उनको लेकर एक बार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल मीटिंग अवश्य कर सकते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि अब समय आ गया है कि बजट के माध्यम से जनता जनार्दन के सुझाव उन तक पहुंच सके।

हरियाणा में एक बार फिर जनसुझावों पर पेश होगा बजट, मगर नहीं आयोजित होगी प्री-बजट बैठक

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से राज्य के लिए पांच हजार करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज मांगा है। मुख्यमंत्री का तर्क है कि कोरोना वायरस के संकट से बचाव को लगे लाकडाउन से राज्य को करीब 2250 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ।

इसके चलते राज्य को इसकी भरपाई करने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये चाहिए।
उनका कहना है कि इसके अलावा कृषि कल्याण और सिंचाई योजनाओं के लिए भी बजट में दो हजार करोड़ रुपये चाहिए।