औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित हुई फरीदाबाद में अब तय मानकों का पालन करके एक फिर से औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा। नई औद्योगिक नीति के तहत उद्यमी जमीन का सीएलयू करवाकर तय मानकों का पालन करते हुए स्वयं औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर सकते है।
सरकार की ओर से औद्योगिक क्षेत्र में आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए अनुदान का भी प्रावधान किया गया है। योजना का फायदा उठाने के लिए शहर के औद्योगिक संगठन आईएम एसएमआई ऑफ़ इंडिया ने औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का निर्णय लिया है।
शहर में डीएलएफ औद्योगिक क्षेत्र, सेक्टर- 4, 5, 6, सेक्टर- 15ए, सेक्टर- 57, 58, 59, , एनआईटी औद्योगिक क्षेत्र, आईएमटी पर हाईवे के दोनों और वैध औद्योगिक क्षेत्र है। इसके अलावा शहर के सरूरपुर औद्योगिक क्षेत्र, कृष्णा कॉलोनी, सेक्टर- 25, गाजीपुर, ,मलेरना रोड, सीकरी, कारखाना बाग, गुरुकुल, साहुपुरा जाजरू, मुजेसर, मुजेड़ी और कांवरा औद्योगिक क्षेत्र बाकी है। इन्हे सरकार की ओर से वैध घोषित नही किया गया है।
उद्यमी सरकार से लम्बे समय से इन्हें नियमित करने की मांग करते आ रहे है। मगर, अभी तक सरकार ने ऐसे औद्योगिक क्षेत्रों को नियमित करने के लिए नीति नही बनाई है। हालांकि इन उद्योगों को नियमित करने का मामला सरकार के स्तर विचाराधीन है। कुछ समय पहले प्रदेश सरकार ने अपनी नई औद्योगिक नीति जारी की थी। इसमें उद्यमियों को खुद का औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की छूट दी गई है।
संगठन के चेयरमैन राजीव चावला ने बताया कि नई औद्योगिक नीति में प्रावधान किया गया है कि सरकार के मास्टर प्लान में उद्योगों के लिए घोषित किए गए क्षेत्र में 25 एकड़ ज़मीन खरीदकर उद्यमी अपना औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर सकते है।
इसके लिए उन्हें सरकार से सीएलयू (चेंज ऑफ़ लैंड यूज़) करवाना होगा। उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार 50 करोड़ रुपए का अनुदान देगी।
उन्होंने बताया क़ी उद्यमी बिल्डर के साथ मिलकर भी अपना औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर सकते है। आईएम एसएमआई ऑफ़ इंडिया ने औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है।
Written by Rozi Sinha