आखिर क्यों एक सरकारी अधिकारी को बुलानी पड़ गई पुलिस

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सेक्टर- 12 लघु सचिवालय के सामने लंबे समय से अपनी मांग लेकर बैठे बर्खास्त पीटीआई और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी बीते दिन किसी आमने- सामने हो गए, जिसके बाद अधिकारी को पुलिस बुलानी पड़ी।

दरअसल, पिछले कुछ महीनों से अपनी मांग को लेकर अड़े पीटीआई शिक्षक कई दिनों से अपने अनुभव प्रमाण पत्र को सत्यापित करने के लिए मौलिक शिक्षा अधिकारी के चक्कर लगा रहे थे परन्तु कुछ खामियां होने के कारण वह प्रमाण पत्र को सत्यापित नही कर रही थी।

आखिर क्यों एक सरकारी अधिकारी को बुलानी पड़ गई पुलिस

इसी को लेकर बुधवार को काफी संख्या में पीटीआई शिक्षक पीटीआई अनुभव प्रमाण पत्र को सत्यापित कराने पहुंचे। उन्होंने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को बुरा- भला बोला, जो अधिकारी को नागवार हुआ और उन्होंने पुलिस बुला ली। इस मामले को शांत करते हुए मौलिक शिक्षा अधिकारी ने वीरवार को इस समस्या का समाधान करने के आश्वासन दिया।

गौरतलब है कि करीब आठ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा के उन पीटीआइ को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था, जो 2010 में लगे थे। यह पीटीआइ अपने-अपने जिलों में पुन: नौकरी पर लगने की मांग कर रहे हैं।

आखिर क्यों एक सरकारी अधिकारी को बुलानी पड़ गई पुलिस

जिले के पीटीआइ भी सेक्टर-12 लघु सचिवालय के सामने बैठे हुए हैं। अब सरकार ने इन बर्खास्त पीटीआई को गेस्ट टीचर की तरह नौकरी पर रखने के लिए कहा। पीटीआइ को नौकरी पर रखने के लिए सरकार ने 25 जनवरी से पार्टल खोला है, ताकि यह अपने अनुभव प्रमाणपत्र समेत अन्य औपचारिकताओं को भरकर भेज सके।

अनुभव प्रमाण पत्र को मौलिक अधिकारी को सत्यापित करने हैं, लेकिन बर्खास्त पीटीआइ बृजेश नागर, जयदीप पाराशर, संतोष व अन्य ने बताया कि वह तीन दिन से अनुभव प्रमाण पत्र लेकर सत्यापित कराने जा रहे थे पर बाबू खामियां बताकर परेशान कर रहे हैं। वह इस मामले में मौलिक अधिकारी से भी मिले। अधिकारी ने खामियों को दूर करने के लिए कहा। हमने अधिकारी के कहने पर भी खामियों को दूर किया। बावजूद प्रमाण पत्र सत्यापित नहीं हुए और पोर्टल एक फरवरी को बंद हो जाएगा।

Written by Rozi Sinha