किसानों के समर्थन में हरियाणा में हो रहीं पंचायतें, लिया गया यह बड़ा फैसला

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    लगभग 2 महीने से नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन में हरियाणा के कुछ किसान अपना समर्थन देने बॉर्डर पर पहुंचेंगे। कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे धरने को खत्‍म कराए बिना धरना स्‍थल को खाली कराए जाने के बीच किसान आंदोलन को तेजी देने के लिए प्रदेश में पंचायतें हो रही हैं।

    भारत सरकार द्वारा बनाये गए नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 65 दिनों से लगातार किसान आंदोलन जारी है। कई गांवों में आज हो रही पंचायतों में किसानों को अधिक समर्थन दिए जाने की बात हो रही है। जींद में हुई महापंचायत में फैसला लिया गया है कि जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा, तब तक हर परिवार के एक सदस्य का बॉर्डर पर रहना जरूरी है।

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    प्रदेश के इन जिलों से रोहतक, चरखी दादरी, नारनौंद में भी किसानों को अधिक समर्थन देने को लेकर कई गांवों की बैठकें बुलाई गई हैं। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसक घटनाओं के बाद शुक्रवार को रोहतक के जाट भवन में सर्वखाप की पंचायत हुई। इसमें कई खाप के पदाधिकारियों ने शिरकत की।

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    किसानों के नाम पर कुछ देशविरोधी ताकतें अपना उल्लू सीधा करने में लगी हुई हैं। हिसार जिले के पाबड़ा गांव से सिंघु-टीकरी बॉर्डर के लिए दूध का टैंकर भेजा जा रहा है। यहां ग्रामीणों का कहना है कि अब पहले से अधिक किसानों का समर्थन रहेगा। हरियाणा की खापें अब किसान आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लेंगी और किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेगी।

    किसानों के समर्थन में हरियाणा में हो रहीं पंचायतें, लिया गया यह बड़ा फैसला

    विरोध प्रदर्शन को लेकर जींद महापंचायत में फैसला लिया गया है कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होते, तब तक हर परिवार के एक सदस्य का बॉर्डर पर रहेगा। आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर टोल प्लाजा पर चल रहे धरनों पर एक दिवसीय अनशन रखा जाएगा।