HomeFaridabadलॉकडाउन में पढ़ नहीं पाए जो बच्चे, अब विश्वविद्यालय करेगा उनकी मदद

लॉकडाउन में पढ़ नहीं पाए जो बच्चे, अब विश्वविद्यालय करेगा उनकी मदद

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जेसी बोस विश्वविद्यालय‌‌ के विज्ञान प्रसार विभाग ने कोविड-19 के दौरान आर्थिक तंगी से गुजर रहे विद्यार्थियों की मदद करने के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को ई- किट उपलब्ध करवाएगा।

दरअसल कोविड-19 के दौरान ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया गया जिसमें बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज लेने के लिए प्रेरित किया गया परंतु आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लासेस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसी को लेकर जे.सी बोस विश्वविद्यालय विज्ञान प्रसार विभाग ने एसडीएम बल्लभगढ़ की मदद से करीब 100 बच्चों को चिन्हित किया है जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक किट उपलब्ध कराई जाएगी।

लॉकडाउन में पढ़ नहीं पाए जो बच्चे, अब विश्वविद्यालय करेगा उनकी मदद

जेसी बोस विश्वविद्यालय की कार्यक्रम संयोजक रश्मि चावला ने बताया कि कोरोना के चलते आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा जिसको लेकर विश्वविद्यालय द्वारा ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उन्हें इलेक्ट्रॉनिक किट उपलब्ध कराई जाएगी। इन 100 विद्यार्थियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम शुरुआती दौर में सेक्टर 8 राजकीय विद्यालय और बल्लभगढ़ राजकीय विद्यालय की छात्राएं इसका लाभ लेंगी।

क्या है इलेक्ट्रॉनिक बेसिक किट
इलेक्ट्रॉनिक किट से साइंस और इंजीनियरिंग के छात्र छात्राओं को बेसिक ज्ञान दिया जाएगा। इस किट में विज्ञान के छोटे-छोटे उपकरण को तैयार किया जाएगा। इसके अलावा छात्र छात्राओं को उपकरण बनाने से संबंधित जानकारी भी दी जाएगी। इस किट के जरिए यह भी पता चलेगा कि इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स किस तरह से काम करते हैं। सभी प्रकार की जानकारी निशुल्क दी जाएगी।

लॉकडाउन में पढ़ नहीं पाए जो बच्चे, अब विश्वविद्यालय करेगा उनकी मदद

शिक्षा विभाग की मदद से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है इसमें बल्लभगढ़ राजकीय विद्यालय और सेक्टर 8 राजकीय विद्यालय की 50 50 छात्राओं को चिन्हित किया गया है उन्हें यह इलेक्ट्रॉनिक किट उपलब्ध करवाई जाएगी। –एसडीएम अपराजिता, बल्लभगढ़।


इस तरह की प्रयोगशालाओं से छात्र-छात्राओं की विज्ञान की तरफ रुचि बढ़ेगी वही उनके अंदर वैज्ञानिक काम करने की भावना भी जागृत होगी। इस प्रयोग से उनके भविष्य का ताना-बाना बुनने में भी उनकी मदद होगी।
दिनेश कुमार, कुलपति, जेसी बोस विश्वविद्यालय।

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