नए साल के साथ – साथ नया बजट और नई वाहन कबाड़ निति भी देश को मिल गयी है। देश में स्वैच्छिक स्क्रैपिंग पॉलिसी लागू होने के बाद 15 साल पुराना वाहन चलाना काफी महंगा पड़ेगा। सरकार ने बजट में स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति यानी का एलान किया है। ये पॉलिसी अगले साल अप्रैल 2022 से लागू होगी, लेकिन इसे लेकर दिल्ली-एनसीआर के शहरों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई है।
प्रदेश समेत देश में इस समय लगातार पुराने कंडम वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। पुराने व अनफिट वाहनों को परिचालन से बाहर करने के लिए 20 साल पुराने निजी वाहनों और 15 साल पुराने वाणिज्यिक वाहनों के लिए स्वैच्छिक स्क्रैपिंग पॉलिसी लाने की घोषणा की है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस निति से काफी खुश नज़र आ रहे हैं। दिल्ली – एनसीआर में रहने वालों को चिंता है कि उनकी प्राइवेट गाड़ियों का क्या होगा, क्योंकि नई वाहन कबाड़ नीति के मुताबिक 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों को कबाड़ किया जाएगा, जबकि निजी वाहनों के लिए यह उम्र 20 वर्ष होगी। लेकिन दिल्ली-एनसीआर में रहने वालों के लिए यह नियम अलग होंगे।
नितिन गडकरी ने नए बजट को और नयी निति को काफी अच्छा बताया है। उन्होनें इस पॉलिसी को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और उपभोक्ता दोनों के लिए फायदेमंद बताया है। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने एलान किया था कि नई वाहन कबाड़ नीति के मुताबिक 15 साल पुराने कमर्शियल व्हीकल को स्क्रैप किया जाएगा यानी उन्हें सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं होगी। जबकि निजी वाहन के लिए इस अवधि को 20 वर्ष तय किया गया है।
देश में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। पुराने वाहनों की संख्या भी बढ़ती जा रही है जो प्रदूषण फैलाती है। दिल्ली एनसीआर में अभी भी पुराने नियम ही लागू होंगे। यहां प्रदूषण घटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यहां गाड़ियों की उम्र सीमा तय की थी। जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल गाड़ी अधिकतम 10 साल और पेट्रोल इंजन वाली गाड़ी अधिकतम 15 साल ही चल सकेगी।