निगम घोटालों की जांच के लिए घटित हुई स्पेशल ऑडिट टीम , तो उड़ी भ्रष्टाचारियों की नींद

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फरीदाबाद : किसी शहर में नगर निगम की अहम भूमिका होती है लेकिन सोचिए जब सरकार के अहम हिस्सा ही भष्ट्राचार से लिप्त हो तो कैसे शहर का विकास हो पायेगा। अब बात करते है फरीदाबाद और गुरुग्राम के नगर निगम की जंहा अब तक न जाने कितने घोटाले जुड़े है।

लेकिन जाँच के लिए प्रशासन अभी तक गंभीर नहीं नजर आ रहा है यह दोनों ही नगर निगम सबसे पुराने निगम की लिस्ट में शामिल है , लेकिन भ्रस्टाचार की श्रेणी इनका कोई जबाब नहीं है ।

निगम घोटालों की जांच के लिए घटित हुई स्पेशल ऑडिट टीम , तो उड़ी भ्रष्टाचारियों की नींद

आपको बता दे की दोनों ही निगमों ( फरीदाबाद और गुरुग्राम ) में बिना काम भुगतान के मांमले की जाँच चल रही है, हुआ यूँ की इन दोनों ने ही किये गए भुगतान की राशि को ( एन्हांसमेंट ) अपनी मर्जी से बढ़ा दिया है जिसमें बिना भुगतान घोटाले समेत ठेकेदार द्वारा जीएसटी जमा ना कराने के घोटाले सामने आ चुके है ।

वही बिना भुगतान करने के मामले को लेकर विभागीय जाँच चल रही है और शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने ठेकेदारों द्वारा जीएसटी जमा नहीं कराये जाने संबंधी जांच सम्बंधित विभाग को सौपी है ।

निगम घोटालों की जांच के लिए घटित हुई स्पेशल ऑडिट टीम , तो उड़ी भ्रष्टाचारियों की नींद

इसको लेकर स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज भी अब एक्शन मूड में नजर आ रहे है करीब कुछ दिन पहले हुई एक बैठक के दौरान उन्होंने कहा की फरीदाबाद और गुरुग्राम में स्पेशल टीम से जाँच की जाएगी अनिल विज ने कहा की दोनों निगमों की स्पेशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया है इस घोषणा के बाद भ्रस्ट अधिकारियो की रातो की नीद उड़ गई है ।

वही इन घोटाले की जाँच के लिए शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने मंडलायुक्त को अधिकृत किया है वही मंडलायुक्त ने भी एक ठेकेदार को पांच फर्मो को हुए भुगतान के अनुसार विकास के कार्यो की लिस्ट तैयार कर मुआवना के लिए तीन विभाग के कार्यकारी अभियंताओं की कमेटी बनाई थी ।

निगम घोटालों की जांच के लिए घटित हुई स्पेशल ऑडिट टीम , तो उड़ी भ्रष्टाचारियों की नींद

इसमें एचसवीपी और पीडब्लूयूडी और जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता को शामिल किया गया है लेंकिन अब तक तीन महीने बीत चुके है अभी तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है बल्कि समय मात्र सात दिनों का दिया गया ह था अब सोचना यह होगा की कब तक जाँच पूरी हो पाती है और कब तक भ्रस्ट अधिकारियो पर नजर पेनी होगी