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विधानसभा से त्यागपत्र देकर किसानों के हितों की लड़ाई लडऩे का बीड़ा उठाया है: अभय चौटाला

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इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला शनिवार को इंद्री विधानसभा क्षेत्र के गांव डबकौली में पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब देश के अंदर कोरोना महामारी का प्रकोप फैला हुआ था, उस समय देश कोरोना की लड़ाई से लड़ रहा था। लोग भयभीत थे, रोजगार छिन रहा था, किसान दुखी थे, व्यापारी परेशान-हताश थे। उस समय देश के प्रधानमंत्री को देश के लोगों की रक्षा करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा न करके प्रधानमंत्री पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए एक ऐसा बिल लेकर आए जिससे हर किसान दुखी व परेशान है। उसी समय प्रदेश में अनेक घोटाले उजागर हुए, जैसे शराब व धान घोटाला। सरकार देखती रही। किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहा हैं। केंद्र व राज्य सरकार किसानों के आंदोलन से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, जो बताने के लिए काफी है कि सरकार को किसानों को कोई चिंता नहीं है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दोहरा चरित्र जनता के सामने: अभय चौटाला
उन्होंने आंदोलन में विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका दोहरा चरित्र लोगों के सामने आ चुका है। किसान आंदोलन के चलते राजनीतिक पार्टियों के लोग अपना हित साधना चाहते हैं। कांग्रेस पार्टी भी भाजपा का सहयोग कर रही हैं।

इनेलो चौधरी देवी लाल का लगाया पौधा है जो उसकी नीतियों का अनुसरण कर रहा है। क्योंकि चौधरी देवी लाल ने भी अपने राजनीति काल में किसानों के हितों के पक्ष में त्यागपत्र देकर किसानों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया। उसी का अनुसरण करते हुए मैंने विधानसभा से त्यागपत्र देकर किसानों के हितों की लड़ाई लडऩे का बीड़ा उठाया है।

विधानसभा से त्यागपत्र देकर किसानों के हितों की लड़ाई लडऩे का बीड़ा उठाया है: अभय चौटाला

विधानसभा में कांग्रेस ने तीनों बिलों का विरोध करने की बजाय किया वॉकआउट
कांग्रेस ने विधानसभा में तीनों कानूनों का विरोध करने की बजाए, वाकआउट किया। विधानसभा में वे अकेले ही कानून का विरोध करते रहे और जब किसानों का अपमान बर्दाश्त नहीं हुआ तो विस सदस्यता से त्याग पत्र का निर्णय लेना पड़ा। सरकार ने जनता से जो वायदे किए थे उनको आज तक लागू नहीं किया। सरकार ने सत्ता में आने से पहले कहा था किसान के कर्ज को पहली कलम से लागू किया जाएगा।

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाएगा। लागू करने की बात तो दूर है, कृषि के तीन कानून बना दिए, जो किसानों के हित में नहीं है। इन कानूनों से किसान बर्बाद हो जाएगा। आज देश-प्रदेश का किसान सडक़ों पर है। देश बर्बादी की ओर अग्रसर है, तो हम सबको मिलजुल कर इन बिलों के खिलाफ लडऩा होगा और देश को बर्बाद होने से बचाना होगा, तभी हमारा लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा।
ये रहे मौजूद

इस अवसर पर इंडियन नैशनल लोकदल पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रकाश भारती, प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी, जिलाध्यक्ष यशवीर राणा, युवा प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत संधू, प्रदेश प्रवक्ता कृष्ण कुटैल, प्रदेश महासचिव मंगत राम सैनी, प्रदीप का बोज, हल्काध्यक्ष भारत मढाण, पूर्व मंत्री राजकुमार वाल्मीकि, किसान प्रदेश अध्यक्ष फूल सिंह मंजूरा, धर्मबीर पाढ़ा, ओपी सलूजा, पूर्व विधायक रेखा राणा, रामपाल राणा, कंवर बुटाना, जयपाल पूनिया, बलबीर पूनिया, बलवान वाल्मीकि, सोनिका गिल, जयप्रकाश का बोज, देशराज का बोज सहित अन्य मौजूद रहे।

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