अधिकांश ऐसा देखने को मिला है कि कई बार अधिकारियों की लापरवाही हद पार कर देती है। यही कारण है कि जनता का आक्रोश अधिकारियों और सरकार दोनों पर फूट पड़ता है। बावजूद अधिकारी अपनी लापरवाही से बाज नहीं आते।
जिसके चलते मंत्रियों से उनका 36 का आंकड़ा रहता है। खास कर जब बात करें हरियाणा के अफसरशाही और राजनेताओं के बीच तो खीचतान का मामला कोई नया नहीं है।
अभी तक गृह मंत्री अनिल विज और अधिकारियों के बीच खींचतान खत्म ही भी हुई थी कि अब उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और अधिकारी आपस में टकराने लगे हैं। दरसअल, उपमुख्यमंत्री ने 1991 बैच के एक सीनियर आइएएस अधिकारी के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए उनके खिलाफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दो पत्र लिखे हैं।
जिसके बाद इस बात पर गौर फरमाए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इन चिट्ठियों को मामले की गहराई से पड़ताल करने के लिए मुख्य सचिव विजयवर्धन के पास भेज दिया गया है।
विधायकों के अधिकारियों द्वारा सुनवाई नहीं किए जाने के बाद विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने ऐसे अफसरों की शिकायत सीधे उन्हें करने संबंधी आदेश जारी किए। अभी भी कुछ शिकायतें उजागर हो रही है,
लेकिन अधिकारियों के रवैये में अपेक्षित सुधार कहीं दूर दूर तक नहीं दिखा।कई बार अधिकारियों से ऐसे काम करने को कहा जाता है, जो कानूनी या तकनीकी रूप से करने संभव नहीं हो पाते, जबकि अधिकतर मामलों में अधिकारी काम करके राजी ही नहीं हैं।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने से पहले तक चर्चा यह थी कि उनके विभागों के कामकाज पर अधिकारी तीसरी आंख रखे हुए हैं, लेकिन दुष्यंत द्वारा भाजपा सरकार की मजबूत कड़ी होने की दुहाई देने के बाद इस आंख को हटा लिया गया।
इस कड़ी में दुष्यंत का पहला निशाना 1991 बैच के सीनियर आइएएस अधिकारी बने हैं। इस अधिकारी के पिछले दिनों मुख्यमंत्री कार्यालय में एडजेस्ट होने की चर्चाएं थी, लेकिन बात नहीं बन पाई।
डिप्टी सीएम ने जिस अधिकारी की शिकायत अब लिखित में की है, उनका तबादला कुछ दिन पहले हो चुका था। तब इसे नियमित प्रक्रिया माना गया था, लेकिन अब समझा जा रहा है कि दुष्यंत की नाराजगी की वजह से इस अधिकारी पर गाज गिरी थी।
दुष्यंत ने इस आइएएस अधिकारी को निलंबित करने की सिफारिश अपने पत्रों में की है। अनिल विज ने अभी तक जिस भी अधिकारी के विरुद्ध पत्र लिखा, उस पर कोई गंभीर कार्रवाई आज तक नहीं हो पाई, लेकिन बताया जाता है कि दुष्यंत इस अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर पूरी तरह से अड़े हुए हैं।