कृषि कानून के खिलाफ सैकड़ों किसान दिल्ली बॉर्डर पर अपने न्याय के लिए महीनों से सड़कों पर रात निकालते दिखाई दिए है। इतना नहीं कुछेक किसानों ने तो आंदोलन में शामिल होने के दौरान हार्ट अटैक जैसी स्थिति में पहुंच अपने प्राण तक त्याग दिए।
मगर बड़े दुख की बात है ना तो किसानों की जान की कीमत प्रदेश सरकार के दिल को पसीज पाई ना ही केंद्र सरकार के आंखों में शर्म ला पाई। किसी को फर्क पड़ा तो वो था किसानों के परिजनों को।
मगर हरियाणा के सोनीपत में ऐसा मामला देखने को मिला जिसने इंसानियत को और स्वास्थ्य विभाग को शर्मसार कर दिया। दरसअल, यहां एक वृद्ध की लाश को चूहे नोंच रहे थे। वह वृद्ध एक 72 वर्षीय किसान था, जो कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे
विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा ले रहा था। दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां मॉर्चरी में उसकी लाश रखवा दी गई। उसके बाद अगली सुबह पता चला कि, लाश को चूहों ने कुतर दिया था। मृतक की पहचान सोनीपत के बैय्यानपुर गांव के निवासी राजेंद्र के तौर पर हुई।
राजेंद्र के परिजनों का कहना है कि, लाश के चेहरे और पैर पर चोट के निशान मिले हैं। लाश बुधवार रात को मोर्चरी में रखी गई थी। बाद में शरीर पर तीन जगह काटने के निशान मिले। वहीं, इस मामले पर सोनीपत के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर जय भगवान का कहना है
कि, तीन डॉक्टरों की एक टीम- उप-चिकित्सा अधीक्षक गिन्नी लांबा, संदीप लठवाल और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सुशील जैन इस मामले की पड़ताल करेंगे।
वहीं अब “तीन डॉक्टरों की एक टीम इस मामले में पड़ताल में जुटी हुई है जो इस लापरवाही करने वाले को सबके सामने लाएगी। उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस घटना को चौंकाने वाला बताया।
एक ट्वीट में, रणदीप सुरजेवाला बोले कि एक किसान के शरीर को चूहों ने कुतर दिया और भाजपा सरकार मूकदर्शक की तरह कार्य कर रही है।