बढ़ते पेट्रोल के दामों पर BJP नेता शारदा राठौर ने कसा तंज, ट्वीट करते हुए कहा…

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वर्तमान में तेजी से बढ़ रही महंगाई खासकर पेट्रोल के दामों को लेकर लगातार पक्ष विपक्ष के सभी नेता मोदी सरकार की नीतियों को लेकर बयान दे रहे है।

इसी कड़ी मे फरीदाबाद की बल्लबगढ़ विधानसभा से पूर्व विधायक और भाजपा नेता शारदा राठौर द्वारा भी मोदी सरकार की नीतियों पर कटाक्ष किया गया है।

बढ़ते पेट्रोल के दामों पर BJP नेता शारदा राठौर ने कसा तंज, ट्वीट करते हुए कहा…

शारदा राठौर द्वारा अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल के माध्यम 4से 20 फरवरी को ट्वीट करते हुए बढ़ते पेट्रोल के दामों को लेकर कटाक्ष करते हुए कुछ पंक्तियों में लिखा गया है कि ” अपना गुस्सा व्यक्त करो तुम, बतला दो अपने जज्बात, या तुम खुलकर करो विरोध, या लुटते रहो इनके हाथ। “

शारदा राठौर के द्वारा इस ट्वीट के माध्यम से स्पष्ट शब्दो मे कहा गया है कि या तो सरकार की खराब नीतियों का खुलकर विरोध करो और अपने जज्बात को सामने रखो नहीं तो सरकार के हाथों लूटते रहो।

बढ़ते पेट्रोल के दामों पर BJP नेता शारदा राठौर ने कसा तंज, ट्वीट करते हुए कहा…

कई लोगो द्वारा शारदा राठौर की इस कटाक्ष को मोदी सरकार पर उनका सीधा निशाना भी बताया जा रहा है।

लेकिन शारदा राठौर द्वारा अक्सर साफ सफाई के मुद्दों को लेकर भी ऐसे ट्वीट किए जाते आ रहे हैं कुछ दिनों पहले उनके द्वारा फरीदाबाद में चल रहे स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर भी ट्वीट करते हुए मौजूदा सरकार की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाए गए थे।

उनके द्वारा बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बढ़ती गंदगी की एक फोटो को ट्वीट करते हुए सवाल पूछा गया था कि क्या यही स्मार्ट सिटी का वह सपना था जो सरकार ने विज्ञापनों और टीवी चैनलों के माध्यम से जनता को दिखाया था।

बढ़ते पेट्रोल के दामों पर BJP नेता शारदा राठौर ने कसा तंज, ट्वीट करते हुए कहा…

इसके अतिरिक्त उनके द्वारा ट्वीट करते हुए यह भी लिखा गया था कि जनता सब देख रही है और यदि जनता निर्णय लेगी तो आगे चलकर नेताओ को घर पर बैठकर राम भजन करने पड़ेंगे।

इसलिए नेता समय रहते अपना कर्तव्य निभाए और बल्लभगढ़ विधानसभा की साफ-सफाई के झूठे दावे करने से अच्छा क्षेत्र की साफ सफाई पर ध्यान दे।

भाजपा नेता शारदा राठौर द्वारा अपनी ही सरकार के नेताओं के कामकाज और सरकार की नीतियों को लेकर उठाए जा रहे हैं इन सवालों को किस प्रकार देखा जाए यह अभी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता लेकिन यदि अपनी सरकार की नीतियां कमजोर लगे तो किसी नेता द्वारा उनका विरोध करना एक साहसिक कदम है।