इन दिनों लोगों की जुबान पर केवल बढ़ती हुई ईंधन की कीमत और इससे बढ़ने वाली परेशानी की चर्चा बेशुमार है। चाहे बात अब रसोई पर पड़ने वाले प्रभाव की हो या फिर घर से बाहर निकलने वाले वाहन की हो। यह सभी महंगाई से इतना प्रभावित हो चुके हैं
कि आमजन की चिंता कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इन बढ़ती हुई कीमतों पर कोई विशेष टिप्पणी देने की वजह इसे उचित बता रहे हैं।
इन समय कुछ राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के बिल्कुल करीब पहुंच गई हैै। वही इन सब पर अपनी राय देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोशल मीडिया यानी अपने ट्विटर के माध्यम से ट्वीट किया है
जिसमें उन्होंने पेट्रोल की बढ़ी कीमतों का बचाव करते हुए कहा कि पिछले 4-5 वर्ष में ईंधन की कीमत में महज 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो बहुत ज्यादा नहीं है। हालांकि इस बढ़ोतरी पर भी सरकार निगाह रख रही है।
वही मीडिया से बात करते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर बोले कि सरकार द्वारा जो भी राजस्व एकत्र किया जाता है, उसका उपयोग लोगों के लिए किया जाता है, अन्य राज्यों की तुलना में हमारा वैट तुलनात्मक रूप से कम है। मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे कृषि आंदोलनों पर भी अपनी राय रखी।
उन्होंने आंदोलनकारी किसानों को भरोसा दिलाना चाहा है कि ये कानून उनके फायदे के लिए हैं। उन्होंने इस बाबत कहा कि कृषि कानूनों को लागू करने के बाद अगर इससे किसी तरह का नुकसान होता है, तो हम उन चीजों को वापस लेने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने कहा है कि कुछ गलत है, तो हम उसे ठीक करने को तैयार हैं। लेकिन जिन लोगों ने कानूनों को पढ़ा नहीं है, वे भी विरोध में शामिल हैं, तो यह किसान का विषय नहीं है।
एक तरफ जनता बढ़ती हुई महंगाई से परेशान है उधर दूसरी तरफ सरकार है कि अपने बनाए हुए कायदे कानून को उचित बनाने पर तुली हुई है। देखना यह है कि बढ़ती हुई महंगाई इस कदर आमजन पर प्रभाव डालेगी और इससे निपटने के लिए सरकार की कितने रणनीतियां कारगर साबित होंगी।