प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ के फरीदाबाद आगमन से एक दिन पहले ही सीएम विंडो के निगरानी समिति के प्रमुख आनंदकांत भाटिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह ठोस कदम सीएम विडो पर लोगों की समस्याओं का समाधान न होने व भ्रष्टाचार से आहत होकर उठाया है। उन्होंने कहा कि सीएम विडो के औचित्य को अधिकारियों ने अपनी तानाशाही से समाप्त कर दिया है। इसलिए सीएम विडो पर दी गई शिकायतों का समाधान नहीं होता।
भाटिया ने पद पर नियुक्त करके मान सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया, साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री की जनकल्याणकारी नीतियों से प्रभावित हैं, पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेताओं और विभिन्न पदों पर बैठे नेता ही ऐसी नीतियों का लाभ आम आदमी तक नहीं पहुंचने दे रहे। विभिन्न लोगों ने सरेआम सरकारी जमीन पर कब्जे करने एवं करवाने की शिकायतें दी थी, पर कोई कार्रवाई ही नहीं होती।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार से जारी की गई योजनाओं से मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं या सहायता तक को भी आम नागरिक अथवा वोटर तक पहुंचाने की एवज में कई पदाधिकारियों द्वारा अवैध रूप से धन वसूले जाने की शिकायतें मिलती रहती हैं। ऐसी शिकायतें शीर्ष नेताओं तक पहुंचाने के बावजूद भी कोई हल नही निकलता। ऐसे में पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। बहुत सोच-विचार करने के बाद इस्तीफा देना ही ठीक समझा।
आपको बता दें कि गुजरात की तर्ज पर लोगों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करने के लिए सीएम विंडो की स्थापना की गई थी। शिकायतों के निस्तारण की निगरानी के लिए प्रदेश की 90 विधानसभाओं में 270 विशिष्ट नागरिकों को मनोनीत किया गया। यह पार्टी से जुड़े लोग हैं। बड़खल विधानसभा से मनोनीत नागरिक आनंद कांत भाटिया ने अपना इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने अपना इस्तीफा मेल के जरिए सीएम तक पहुंचाया। उन्होंने सीएम विंडो के अंतर्गत आने वाली समस्याओं के निस्तारण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सीएम विंडो योजना लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए लाई गई थी लेकिन सरकार इस पर नियंत्रण नहीं रख सकी।