सावधान : बिजली कर्मचारियों को छापेमारी करना पड़ेगा भारी, ग्रामीणवासी बनाएंगे कर्मचारी को बंधक

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महापंचायत किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा के जिले के नारनौंद क्षेत्र के गांव राखीगढ़ी में सरकार द्वारा एक अजीबोगरीब निर्णय लिया गया है, जिसने हर किसी की नींद उड़ा कर रख दी है।

दरअसल, किसान आंदोलन के समर्थन में किए गए महापंचायत में इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला को सम्मानित करने के साथ-साथ अब यहां बाहरा खाप पंचायत के चबूतरे पर किसान मजदूर महापंचायत में बिजली कर्मचारियों को बंधक बनाने का निर्णय लिया है।

सावधान : बिजली कर्मचारियों को छापेमारी करना पड़ेगा भारी, ग्रामीणवासी बनाएंगे कर्मचारी को बंधक

इस दौरान किसान महापंचायत में सर्वसम्मति से तीन प्रस्ताव भी पारित किए गए थे, जिसमें तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना, एमएसपी पर कानून बनाना और किसानों पर दर्ज मुकदमे को सरकार वापस लेने का निर्णय हुआ।

वहीं इस मौके पर अभय चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कोरोना की आड़ में 9 बड़े घोटाले किए हैं और केंद्र सरकार ने तीन काले कानून बनाए हैं। उन्होंने आगे कहा कि 26 जनवरी को किसान अपने ट्रैक्टर पर सवार होकर तीन कृषि कानूनों को वापस कराने की मांग के लिए गए थे।

सावधान : बिजली कर्मचारियों को छापेमारी करना पड़ेगा भारी, ग्रामीणवासी बनाएंगे कर्मचारी को बंधक

इतना ही नही उन्होंने केंद्र सरकार पर बदनाम करने के आरोप भी लगाए। अभय चौटाला ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले वादे किए थे कि प्रधानमंत्री बनते ही पहली कलम से किसानों के ऋ ण माफ किए जाएंगे. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेंगे।

कृषि लागत से डेढ़ गुना मूल्य दिया जाएगा, लेकिन प्रधानमंत्री बनते ही अपने किए वादों से मुकर गए। किसानों को मारने के लिए तीनों काले कानून लागू कर दिए।

सावधान : बिजली कर्मचारियों को छापेमारी करना पड़ेगा भारी, ग्रामीणवासी बनाएंगे कर्मचारी को बंधक

खाप के प्रवक्ता राजकुमार राखी ने कहा कि हमारे क्षेत्र में बिजली निगम द्वारा आए दिन छापेमारी की जा रही है। किसानों पर भारी भरकम जुर्माना किया जा रहा है। इसी के चलते हमने फैसला लिया है कि किसी भी गांव के अंदर यदि बिजली कर्मचारी छापेमारी करेगा तो उसको हम बंधक बनाएंगे।

सावधान : बिजली कर्मचारियों को छापेमारी करना पड़ेगा भारी, ग्रामीणवासी बनाएंगे कर्मचारी को बंधक

उसको तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक कि उच्च अधिकारी आकर आश्वासन नहीं देंगे। इस निर्णय के बाद से ही बिजली कर्मचारियों में खौफ का माहौल देखा जा सकता है। हम बिजली कर्मचारियों को यह डर सता रहा है कि वह अगर अपनी ड्यूटी करेंगे तो उन पर ही परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ेगा।