स्मार्ट फ़ोन नहीं तो वैक्सीन नहीं,बुज़ुर्गों को वैक्सीन लगवाने की डगर दूर

0
212
स्मार्ट फ़ोन नहीं तो वैक्सीन नहीं,बुज़ुर्गों को वैक्सीन लगवाने की डगर दूर

हमने तो कभी स्मार्टफोन चलाया ही नहीं है, कैसे करेंगे रजिस्ट्रेशन यह कहना है जिले के बुजुर्गों का जिले में करीब 400000 बुजुर्गों को या फिर यूं कहें बीमार व्यक्तियों को टीका लगाया जाएगा।

जिसके लिए वह घर बैठकर ऑनलाइन रजिस्टेशन कर सकते हैं। लेकिन जिले में सैकड़ों की संख्या में ऐसे कई बुजुर्ग हैं जिनको स्मार्टफोन चलाना ही नहीं आता है।

स्मार्ट फ़ोन नहीं तो वैक्सीन नहीं,बुज़ुर्गों को वैक्सीन लगवाने की डगर दूर

जिसकी वजह से वह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर ही नहीं पाते हैं। 1 मार्च से 60 साल से ऊपर बुजुर्ग व 45 से 59 साल तक के बीमार व्यक्तियों को वैक्सीन लगने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

जिसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा कर दिन, समय व अपना नजदीकी सेंटर को चुना जा सकता है। लेकिन जिले में सैकड़ों की संख्या में ऐसे बुजुर्ग भी मौजूद है जिन्होंने आज तक कभी भी स्मार्टफोन को देखा ही नहीं है।

स्मार्ट फ़ोन नहीं तो वैक्सीन नहीं,बुज़ुर्गों को वैक्सीन लगवाने की डगर दूर

तो वह किस प्रकार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर पाएंगे। जिले में करीब 140 गांव है, जहां पर ज्यादा संख्या में बुजुर्ग रहते हैं। जिनको साधारण फोन चलाने के अलावा और कोई फोन चलाना आता ही नहीं है।

इसके अलावा साधारण फोन में भी वह काॅल को उठा व काट सकते है। उस फोन में भी अगर किसी से नंबर डायल करके बात करनी होती है तो उनको किसी परिजन का सहारा लेना पड़ता है।


गांव चंदावली के रहने वाले तेज सिंह ने बताया कि उन्होंने आज तक स्मार्टफोन को देखा ही नहीं है। चलाना तो बहुत दूर की बात है। उनके पास तो कोई फोन ही नहीं है, जिसके जरिए वह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सके।

स्मार्ट फ़ोन नहीं तो वैक्सीन नहीं,बुज़ुर्गों को वैक्सीन लगवाने की डगर दूर


गांव कौराली के रहने वाली रामवती ने बताया कि उनके पास एक फोन है जो कि स्मार्टफोन तो नहीं है। लेकिन उस फोन से वह अपने परिजनों से बातचीत कर लेती है। उस फोन से उनको फोन उठाना और काटने ही आता है। सरकार के द्वारा जो कोवैक्सिंग के लिए ऑनलाइन रजिस्टेशन करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

वह बुजुर्गों के लिए काफी परेशानी का सबब बनी हुई है। उनका कहना है कि सरकार को पहले घर घर जाकर सभी बुजुर्गों का डाटा ऑनलाइन फीड कर लेना चाहिए था और उसके बाद उनको मैसेज के जरिए यह बताया जाना था कि उनको किस दिन, किस समय और कौन से स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर को वैक्सिन को लगवा सकते हैं।

स्मार्ट फ़ोन नहीं तो वैक्सीन नहीं,बुज़ुर्गों को वैक्सीन लगवाने की डगर दूर

लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिसकी वजह से बुजुर्गों को ऑफलाइन या फिर स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डायरेक्ट वैक्सीन लगवानी पड़ रही है। उसके लिए भी उनको वहां काफी इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में काफी समय लगता है। कई बार सर्वर डाउन हो जाता है तो कई बार नेट फेल हो जाता है।

स्मार्ट फ़ोन नहीं तो वैक्सीन नहीं,बुज़ुर्गों को वैक्सीन लगवाने की डगर दूर

जिसके चलते उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता है। नोडल ऑफिसर डॉ रमेश का कहना है कि बुजुर्गों स्मार्ट फोन चलाना नहीं आता है। लेकिन उसके लिए सरकार के द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को शुरू किया गया है। इसके अलावा गांव व शहर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा वर्कर भी अपने एरिया में रहने वाले बुजुर्गों को स्वास्थ्य केंद्र पर लाकर टीका लगवा सकते है। इसके लिए लोगों के पास एक फोटो आईडी प्रूफ होना अनिवार्य हैं।