किसी की भी ज़िंदगी में एक आइडिया, एक सोच, एक पल बहुत से बदलाव लेकर आ सकता है। यह बदलाव ऐसे होते हैं जो दूसरों के लिए प्रेरणा बनते हैं। यह प्रेरणा ज़िंदगी में कुछ करने की राह दिखाती है। कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है, हरियाणा की बेटी सुनीता बिश्नोई की। इन्होनें डेयरी फार्मेसी में अपने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।
ऐसा बहुत बार होता है कि जब हम कुछ करने जाते हैं तो लोग काफी ताने – बाने मारते हैं। लेकिन जो इन्हें सुनकर अनसुना करदे वही सभी के लिए प्रेरणा बनता है। सुनीता एफजीएम कॉलेज आदमपुर से बीकॉम व एमडीयू रोहतक से एमकॉम पास हैं।
पढ़ाई-लिखाई में अव्वल आने के साथ – साथ घरों के काम में भी इन्होनें परिवार का दिल जीता है। अपनी अलग से एक पहचान भी बनाई है। बीकॉम में सुनीता ने 68 प्रतिशत व एमकॉम में 63 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। वहीं सुनीता ने 12वीं कक्षा में कॉमर्स संकाय में 86 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। कॉमर्स की टॉपर छात्रा होते हुए सुनीता ने डेयरी फार्म खोलकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
यह ज़रा भी मायने नहीं रखता है कि आप क्या करते हैं और क्या करना चाहते हैं। मायने बस वही रखता है जो आपका दिन चाहता है कि फलाना काम मुझे करना है, इसी में मेरी रूचि है। सुनीता ने भी वही किया, उनके सुनील ने पांच साल पहले किसी के साथ पार्टनरशिप में डेयरी की थी। जब डेयरी में फायदा होता नजर आया तो पार्टनर ने भविष्य में इकट्ठा कार्य करने से मना कर दिया।
जब भी अपनों के चहरे उदास होते हैं तो, उन्हें मुस्कान देने के लिए हमें ही कभी – कभी बलिदान देना होता है। सुनीता ने अपने भाई की निराशा को दूर करने के लिए अपनी स्वयं की डेयरी खोलने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होनें पशुपालन व मिल्क प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग ली। दोनों भाई-बहनों ने मात्र पांच भैंसों से डेयरी शुरू की। आज वह 65 पशुओं की डेयरी चलाती हैं