प्रदेश में लगातार बेरोजगारी दर अधिक होती जा रही है। देश के सबसे ज़्यादा बेरोज़गार लोग हरियाणा में रहते हैं। यहां आपको बहुत से लोग बेरोज़गार दिखाई देंगे। सूबे में निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण कानून पर उद्योग संगठनों व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा उठाए सवालों पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने जवाब दिया है।
बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। इस समस्या से लड़ने के लिए ही हरियाणा सरकार ने नया कानून बनाया है। हालांकि, चौटाला में एक बयान में कहा कि हरियाणा प्रति व्यक्ति जीएसटी देने में सबसे आगे है। इसके बावजूद बेरोजगारी दर में देश में सबसे ऊपर है।
हरियाणा में आपको 100 में से लगभग 34 लोग बेरोज़गार दिखाई देंगें। सबसे अधिक दर प्रदेश में ही है। सीएमआईई के अनुसार बेरोजगारी दर हरियाणा में अप्रैल 2019 में 26.05% थी, जो सितंबर 2020 में 33.5% हो गई। स्थानीयों को रोजगार देना जरूरी है। नया कानून सभी उद्योगपतियों, कंपनियों आदि से 8 दौर की चर्चा के बाद सहमति से तैयार किया है।
बेरोजगारी के कुछ मुख्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे कि शिक्षा की कमी, रोजगार के अवसरों की कमी, कौशल की कमी और अन्य। लाखों एकड़ जमीन अधिग्रहण करके जो कारखाने, कंपनियां हरियाणा में लगीं, उसमें हरियाणा के मूल निवासी 15% से भी कम है। 1 लाख रु. सैलरी जैसी पोस्ट पर तो 1% भी नहीं है।
नए कानून हो सकता है शायद प्रदेश में बेरोज़गारी दर को कम कर सके लेकिन फ़िलहाल यह कानून भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को ही पसंद नहीं आ रहा है। इस क़ानून के खिलाफ देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी चुप्पी तोड़ी है।