QRG अस्पताल की महिला स्टाफ से सेक्सुअल हेरिस्ट करने वाला डॉक्टर निलंबित

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एक तरफ देश भर में कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे डॉक्टर्स को देश में भगवान तो कहीं योद्धा की उपाधि दे रहा है। जगह जगह आमजन द्वारा इनका फूल मालाओं से सुस्वागतम किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर की शर्मनाक हरकत ने डॉक्टर के पेशे पर कलंक लगा दिया है।

विगत दो दिन पहले फरीदाबाद के क्यूआर जी अस्पताल से यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था।डॉक्टर संदीप मोर पर उनके ही साथ काम कर रही महिला कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ के लिए उनके खिलाफ महिला आयोग में रिपोर्ट दी गई थी।

उक्त मामले के संज्ञान में आते ही अस्पताल मैनेजमेंट द्वारा आरोपी डाॅक्टर को जांच पूरी होने तक की अवधि के लिए निलंबित कर दिया है। आरोपी डाॅक्टर के खिलाफ आंतरिक शिकायत समिति जांच कर रही है।
इस पूरे मामले में प्रकाश डालते हुए क्यूआरजी अस्पताल के प्रवक्ता सुरेंद्र चैधरी ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि हमने हमेशा एक सभ्य कार्यस्थल बनाए रखने के आचार को बरकरार रखा है, जो सुरक्षित है और किसी भी लिंग आधारिक उत्पीड़न से मुक्त है। इस तरह की शिकायतें हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय हैं।

प्रवक्त ने बताया कि 20 मई को अस्पताल के मानव संसाधान विभाग के पास एक डाॅक्टर द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक शिकायत मिली थी। शिकायत के आधार पर अस्पताल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और इस मामले को आंतरिक शिकायत समिति के पास भेजा, जो यौन उत्पीड़क निरोधक अधिनियम, 2013 के तहत गठित है।

शिकायतकर्ता को सुविधा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु अस्पताल प्रशासन ने उनको दो विकल्प दिए। एक या तो वे अस्पताल की दूसरी यूनिट में काम करें अथवा जांच की प्रक्रिया के दौरान वेतन के साथ अवकाश पर रहें। शिकायत कर्ता ने अवकाश पर आगे बढ़ने का विकल्प चुना, जो अस्पताल प्रबंधन द्वारा विधिवित रूप से प्रदान किया गया है।

अभियुक्त डाॅक्टर को शिकायतकर्ता के आरोपों की जांच पूरी होने तक निलंबित रहने का आदेश दिया गया है। आईसीसी ने 23 मई को पहली बैठक बुलाई और कानून के तहत आवश्यक प्रक्रिया शुरू की है। अस्पताल पूर्णतः से निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के लिए प्रतिबद्ध है।