क्या फरीदाबाद के हाथ भी रंगे हुए हैं जमीन अधिग्रहण घोटाले से?

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पलवल में हुए जमीन अधिग्रहण घोटाले की जांच की आंच फरीदाबाद सहित कुछ अन्य जिलों में भी देखने को मिल सकती है। यहां की तरह ही नूंह,फरीदाबाद, गुरुग्राम, रेवाड़ी और नारनौल में भी जमीन अधिग्रहण का मामला शक के घेरे में है।

दरअसल, करीब 8 साल पहले रेलवे कॉरिडोर के निर्माण के लिए गजट नोटिफिकेशन शुरू किया गया था। 1500 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर यूपी के दादरी से होकर हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में नवी मुंबई तक जाता है। इस कॉरिडोर की लंबाई हरियाणा और राजस्थान में ‍करीब 177- 177, राजस्थान और गुजरात में 565- 565 किलोमीटर है। यह यूपी के दादरी से 18 किलोमीटर के बाद फरीदाबाद में प्रवेश करता है।

क्या फरीदाबाद के हाथ भी रंगे हुए हैं जमीन अधिग्रहण घोटाले से?

पलवल में इस रेलवे कॉरिडोर के लिए करीब 6 गांव का अधिग्रहण किया गया था। अधिग्रहण के लिए सेक्शन 4 का नोटिस जारी होने से पहले ही राजस्व विभाग के अधिकारियों ने नियमों की उल्लंघना करनी शुरू कर दी। इस पूरे खेल का खुलासा तब हुआ जब 100 मीटर की जमीन के लिए करीब 22 साढ़े करोड रुपए का मुआवजा देने की बात आई। रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों को यह बात खटकी और उन्होंने अपने स्तर पर इस मामले की जांच की और जांच के बाद इस मामले को सीएम मनोहर लाल खट्टर के संज्ञान में लाया वही अब जमीन अधिग्रहण मामले में फरीदाबाद सहित कुछ अन्य जिले भी शक के घेरे में है।

क्या फरीदाबाद के हाथ भी रंगे हुए हैं जमीन अधिग्रहण घोटाले से?

जिस प्रकार 6 गज जमीन रजिस्ट्री के मामले में 31 लोगों को शामिल किया गया है उसी प्रकार इन जिलों में भी ऐसे मामले इन जिलों में भी हो सकते हैं। सीएम की विजिलेंस टीम इस मामले की जांच कर सकती है। नूंह, गुरुग्राम, रेवाड़ी, नारनौल में जमीन अधिग्रहण की जांच हो सकती है।


ऐसे में यह सोचने वाली बात होगी कि इस घोटालें में कितने और अधिकारियों की संलिप्तता पाई जाएगी और आगे कौन कौन से घोटाले प्रकाश में आयेंगे।