कोरोना वायरस के कारण हर इंसान सतर्क रहने के लिए मजबूर हो गया है। क्योंकि हर रोज बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले के साथ ही इस संक्रमण से अपनी जान देने वाले आंकड़ों में कोई गिरावट नहीं देखने को मिल रही है। आमजन इस बात से अवगत हो चुका है कि कोरोना वायरस संक्रमण संपर्क में आने से फैलता है। इसलिए अब हर व्यक्ति किसी भी संधिग व्यक्ति से दूरी बनाता है ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण उस तक न पहुंच जाए।
लेकिन वहीं दूसरी ओर मीडिया कर्मी द्वारा कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की वीडियो उजागर करके अन्य लोगों के मन में उक्त व्यक्ति के लिए अजीब सी कशमकश पैदा कर रहा है। यदि वह व्यक्ति ठीक होकर अपने घर भी लौट जाएगा तो भी लोगों को संशय बना रहेगा और वह उस व्यक्ति से लंबे समय तक के लिए दूरी ही बनाकर रखने का विचार करेंगे।
जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें घर जाने देता है और 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन रहने की सलाह देता है। लेकिन बावजूद यदि इस तरह से कोरोना पीड़ित व्यक्ति की पहचान को सार्वजनिक किया जाएगा तो यह बात पीड़ित परिवार व पीड़ित व्यक्ति के लिए आने वाले समय में मुश्किल पैदा कर सकती है।
इस विषय में गौर देते हुए फरीदाबाद उपायुक्त यशपाल यादव ने पत्रकार मीडिया से अपील करते हुए अपनी बात रखते हुए एक संदेश जारी किया है जिसमें उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के संज्ञान में आया है कि कोरिना वायरस से संबंधित मामले में जब मरीज को हॉस्पिटल लाया जाता है तो कुछ सोशल मीडिया पर न्यूज़ फोटोस संबंधत पत्रकार साथी से लाइव दिखाना शुरू कर देते हैं जो कि सही नहीं है।
कोरोना वायरस से संबंधित मामलों के लिए सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में यह स्पष्ट है कि किसी भी मरीज की पहचान उसकी वीडियो जारी करना उसकी पहचान बताना जैसे न्यूज़ प्रसारित या प्रकाशित नहीं की जा सकती। इसके लिए आप से अनुरोध है कि ऐसे मामलों में किसी प्रकार की लाइव वीडियो या बाइट ना चलाएं।