क्या विकास कार्य करवाकर उसका रख – रखाव करना भूल जाता है नगर निगम?

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नगर निगम के अंतर्गत आने वाले वार्डों में पार्कों की व्यवस्था बद से बदतर बनी हुई है। इसका जीता- जागता उदाहरण एनआईटी पांच स्थित पार्क हैं। इन पार्कों की दशा पहले ही बदहाल थी वही अब पार्क की ग्रिल भी चोरी हो गई।

दरअसल, वार्डों में पार्कों का विकास आमजन की सुविधा के लिए किया जाता है जहां जाकर लोग मनोरंजन के साथ साथ अपनी सेहत का भी ध्यान रख सके परन्तु जिले में पार्कों की स्थिति बदहाल है। पार्कों का इस्तेमाल अवैध पार्किंग के लिए किया जा रहा है।

क्या विकास कार्य करवाकर उसका रख - रखाव करना भूल जाता है नगर निगम?

वार्ड नंबर 14 के अंतर्गत आने वाले पांच नंबर ए ब्लाक के पार्क की स्थिति बदहाल है। चहारदीवारी टूटी पड़ी है। फव्वारे खराब पड़े हैं। अब पार्क की ग्रिल भी चोरी हो गई है। पार्क में कई जगह गंदगी के ढेर लगे हैं।

गौरतलब है कि मई, 1979 में पार्क में रंगीन फव्वारा लगाया गया था, जिसका उद्घाटन तत्कालीन मंत्री दीप चंद भाटिया ने किया था। अब यहां फव्वारे की सिर्फ निशानी बाकी है कि कभी यहां फव्वारा भी था, पांच नंबर ए ब्लाक, आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने पार्क की दशा सुधारने को कई बार निगम अधिकारियों को अवगत कराया है, मगर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। अब ग्रिल चोरी होने की सूचना भी निगम को दे दी गई है।

क्या विकास कार्य करवाकर उसका रख - रखाव करना भूल जाता है नगर निगम?

आपको बता दे कि यहां की चहारदीवारी टूटी पड़ी है। सफाई होती नहीं। लाइट जलती नहीं। पार्क की दशा सुधारने को मैंने कई बार निगम अधिकारियों को अवगत कराया है। पार्क में कई तरह के मरम्मत कार्य किए जाने हैं। निगमायुक्त को हमारी मांग पर संज्ञान लेना चाहिए।

वही वार्ड नंबर 1 के अंतर्गत गोछी गांव में आने वाले पार्क की स्थिति भी खराब है। नगर निगम ने पार्क के लिए जमीन तो अलॉट कर दी है परंतु वहां पार्क बनाना भूल गई हुई। पार्क के हिस्सें को ग्रामीणों द्वारा विकसित किया गया है।