किसी न किसी टोल प्लाजा से कभी न कभी आप भी गुज़रे होंगे। सड़कें तथा राजमार्ग किसी भी देश की संपत्ति होती है। इनका ध्यान रखने के लिए टोल लगाया जाता है। लेकिन आने वाले समय में आपको सफर के दौरान टोल प्लाजा पर होने वाली समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है।
टोल प्लाजा से मुक्ति मिलने के बाद गरीब तबका खुश है। किसी भी टोल प्लाजा का रखरखाव भी देश की अन्य संपत्ति जितना ही महत्वपूर्ण है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में ऐलान किया एक साल के भीतर देश से टोल प्लाजा पूरी तरह से हट जाएगा।
फास्टैग के ज़रिये अभी आप टोल का भुगतान करते हैं। काफी लोगों ने अभी इसे नहीं लगवाया है। पिछली सरकारों के दौरान कई स्थानों पर शहरी इलाकों के भीतर टोल बनाए गए जो ‘गलत और अन्यायपूर्ण’ है और इन्हें हटाने का कार्य एक साल में पूरा हो जाएगा। 93 प्रतिशत वाहन फस्टैग का उपयोग कर टोल का भुगतान करते हैं, लेकिन शेष 7 प्रतिशत ने इसका उपयोग नहीं किया और दोगुना टोल दिया।
देश में लगातार नई – नई चीजों का अविष्कार हो रहा है। हर क्षेत्र में नया कुछ न कुछ इजात हो रहा है। ऐसे ही अब टोल कलेक्शन सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा, यानी मौजूदा टोल प्लाजा हटा दिए जाएंगे। इसकी जगह पर टोल कलेक्शन के लिए नया सिस्टम बनाया जा रहा है। मौजूदा टोल कलेक्शन की व्यवस्था को खत्म करके GPS के जरिए टोल टैक्स वसूला जाएगा।
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम का उपयोग पिछले कुछ वर्षों के दौरान काफी अधिक देश में हो रहा है। अब इसी के तहत वाहन जितने किलोमीटर तक हाईवे का प्रयोग करेगा, उतने किलोमीटर के लिए ही टोल टैक्स की वसूली की जाएगी। हाईवे पर चढ़ने और उतरने की रिकॉर्डिंग GPS के जरिए दर्ज की जाएगी।
एक वर्ष के भीतर देश के सभी भौतिक टोल बूथ हटा दिए जाएंगे। गड़करी ने कहा कि शहरों के भीतर टोल पहले बनाए गए। यह गलत है और अन्यायपूर्ण है। एक साल में भी ये टोल खत्म हो जाएगा। अब अगर कोई वाहन चालक एक पॉइंट से हाईवे पर चढ़ने के बाद 35 किलोमीटर की यात्रा करके हाईवे छोड़ता है तो उससे केवल 35 किलोमीटर के लिए ही टोल टैक्स वसूला जाएगा।