नवनियुक्त जिला शिक्षा अधिकारी ऋतु चौधरी द्वारा जब कार्यालय के कमरों की सफाई के आदेश दिए गए तो शिक्षित समाज को शर्मसार कर देने वाले तथ्य सामने आए। कमरों को खोलने के दौरान उसमें छात्रों के भविष्य निर्माण की सामग्री चूहों का भोग बन चुकी थी।
जिसकी जानकारी किसी शिक्षा अधिकारी व अन्य कर्मचारी को नहीं थी। जिला शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी के आदेशानुसार कार्यालय की सफाई के लिए कमरे खुलवाने के दौरान मामला सामने आया है।
कमरों को काफी समय से नहीं खोला गया था। इन कमरे में कुर्सी, ,मेज व किताबों के बंडल पाए गए जिन्हें चूहों ने अपना निवाला बना लिया। इसके अलावा कमरों से 50 सिलाई मशीनों को भी बाहर निकाला गया, जिन में जंग लग चुकी है।
विभाग के एक कर्मचारी द्वारा बताया गया कि वर्ष 2003 – 04 में स्कूल छात्राओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार द्वारा ये मशीनें देनी थी जो कि नहीं दी गई।
कार्यालय के कमरों में पड़ी लाखों रुपए की सामग्री को उनकी सही जगह पर नहीं पहुंचाया गया और ना ही उनका कोई इस्तेमाल किया गया। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी ने इन कमरों को खोलने की कोशिश तक नहीं की।
जर्जर हालातों में पाई गई सामग्री स्पष्ट करती है कि विभाग अपने काम के प्रति कितना लापरवाह है। बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए आए सामान को चूहों द्वारा कुतर लिया गया है।
शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी ने कहा कि बड़ी दुख की बात है कि विभाग की लापरवाही के कारण बच्चे अपने हक से वंचित रहे। उन्होंने कहा कि अभी और भी कमरों की सफाई बाकी है।
यदि उन कमरों में सही सामान पाया जाता है तो उनको उनके सही स्थान पर पहुंचाया जाएगा तथा किताबों को लाइब्रेरी में रखवाया जाएगा। जिससे बच्चों के भविष्य को सुधारने में मदद की जा सके।