महामारी से बचने का एकमात्र उपचार है वैक्सीन लगवान। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग के द्वारा स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइन ऑफिसर व बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों को कोवैक्सीन लगाई जा रही है। लेकिन अगर आपने भी वैक्सीन लगा ली है।
तो आप यह मत सोचना कि आपको महामारी अपनी चपेट में नहीं ले सकती। क्योंकि जिले में स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा वैक्सीन लगाने के बाद भी वह पॉजिटिव पाया गया है। इस पर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वैक्सीन लगाने वाले यह ना समझे कि उनको अब महामारी अपने चपेट में नहीं ले सकती है ।
क्योंकि महामारी उस व्यक्ति को भी चपेट में ले सकती है। जिसने वैक्सीन लगवाई है। यह उस व्यक्ति की इम्युनिटी पावर पर डिपेंड करता है कि उसकी एंटीबॉडीज कितनी बनी है और कितनी नहीं बनी है। जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले एक प्राइवेट अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा वैक्सीन लगवाई गई थी।
उस स्वास्थ्य कर्मी ने वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवा ली थी। लेकिन कुछ दिन पहले उसने जब अपना कोविद का टेस्ट करवाया तो वह पॉजिटिव पाया गया। उसके बाद उसने बताया कि उसके द्वारा वैक्सीन की डोज़ लगवा ली गई है। लेकिन उसके बावजूद भी अगर वह पॉजिटिव पाया जा रहा है।
तो वैक्सीन लगवाने का क्या फायदा है। क्योंकि सरकार के द्वारा वैक्सीन लगवाने को लेकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है। लेकिन अगर वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को कोविद हो रहा है तो उस वैक्सीन का क्या फायदा।
सीएमओ रणदीप सिंह पूनिया का कहना है कि महामारी से बचने के लिए वैक्सीन को लाया गया है। लेकिन यह कहना गलत होगा कि जिन्होंने वैक्सीन लगवा ली है। वह महामारी की चपेट में नहीं आ सकते हैं।
क्योंकि जिस भी व्यक्ति ने वैक्सीन को लगाया है उसके एंटीबॉडीज कितनी बनी है या कितनी नहीं बनी है यह उसकी इम्युनिटी पावर पर डिपेंड करता है। अगर उसकी इम्यूनिटी पावर कम है तो वह महामारी की चपेट में भी आ सकता है और उसकी एंटीबॉडीज कम भी पाई जा सकती है।
इसलिए लोगों के मन में जो भ्रम है कि वैक्सीन लगाने के बाद वह मास्क और 2 गज की दूरी का उपयोग ना करें। तो वह गलत है क्योंकि वैक्सीन लगाने के बाद भी सभी लोगों को मास्क व 2 गज की दूरी का प्रयोग करना चाहिए।