कोरोना के खतरे पर भारी पड़ रहा है सफाई कर्मियों का यह नशा

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जहां एक और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर वैक्सीन लगवाए। वही सरकार के द्वारा फ्रंटलाइन कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया बहुत पहले शुरू कर दी गई थी। लेकिन उसके बावजूद भी जिले के मात्र 20 सफाई कर्मचारियों ने ही वैक्सीन को लगवाया है।

कोरोना के खतरे पर भारी पड़ रहा है सफाई कर्मियों का यह नशा

सफाई कर्मचारियों के मन में डर है कि कहीं वैक्सीन लगवाने के बाद उनकी मृत्यु ना हो जाए। क्योंकि होडल, सोनीपत व रोहतक जिले में कई सफाई कर्मचारियों के द्वारा वैक्सीन को लगाया गया था और कुछ दिनों के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई थी और उसके बाद उनको उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन उपचार के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई।

नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलवीर सिंह बालगुहेर  ने बताया कि जिले में करीब 3200 सफाई कर्मचारी हैं। लेकिन सिर्फ 20 सफाई कर्मचारियों ने ही वैक्सीन को लगवाया है। उन्होंने बताया कि उनके सफाई कर्मचारियों को डर है कि कहीं वैक्सीन लगवाने के बाद उनकी मृत्यु ना हो जाए। क्योंकि होडल में एक सफाई कर्मचारी के द्वारा वैक्सीन को लगाया गया था।

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जिसके बाद उसकी तबीयत खराब हो गई थी और उसको उपचार के लिए सेक्टर 16 स्थित मेट्रो हार्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। करीब 7 दिन तक उपचार चलने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। इसके अलावा सोनीपत और रोहतक में भी कई सफाई कर्मचारियों की वैक्सीन लगने के बाद मृत्यु होने का मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि जिन भी सफाई कर्मचारियों के द्वारा पहली डोज़ लगाई गई है। उनमें से ज्यादातर सफाई कर्मचारियों की दूसरी डोज़ नहीं लगवाई है।

ड्रिंक के डर से नहीं लगवा रहे हैं वैक्सीन

नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलवीर सिंह बालगुहेर ने बताया कि जिले के ज्यादातर सफाई कर्मचारी ड्रिंक करते हैं। इसी वजह से वह वैक्सीन लगवाने से पीछे हट रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस के अनुसार वैक्सीन में लगाने के बाद या लगाने से पहले 2 दिन तक कोई भी वैक्सीन ड्रिंक नहीं कर सकता है।

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इसी डर की वजह से वह वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं। क्योंकि सफाई कर्मचारियों को आए दिन किसी न किसी सीवर व ऐसी जगह की सफाई करनी पड़ती है। जिसमें काफी बदबू आती है और वह भी इंसान है। इसीलिए उस बदबू को सहन करने के लिए वह ड्रिंक का सहारा लेते हैं। उन्होंने बताया कि इस विषय में उन्होंने डीसी यशपाल यादव से मिलने का समय मांगा था। ताकि वह वैक्सीन को लेकर जो सफाई कर्मचारियों में जो भ्रम है। उसको दूर किया जा सके। जिसके बाद ज्यादा से ज्यादा संख्या में सफाई कर्मचारी वैक्सीन को लगा सके।