कोर्ट कचहरी के चक्कर से मिलेगी निजात, अब ऐसे ‘वेब न्याय’ दिलाएगा इंसाफ

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    महामारी ने सब कुछ बदल कर रख दिया है। जिन चीज़ों को लेकर पहले मज़ाक उड़ाया जाता था अब उन्हीं को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। कोर्ट- कचहरी और वकीलों के चक्कर से बचने के लिए लोग अपने छोटे-मोटे नुकसान को भूल जाते हैं। लेकिन ऐसे छोटे नुकसान की रोजाना देशभर की संख्या देखी जाए तो वह करोड़ों में पहुंच जाती है।

    इस नुकसान के बारे में कोई ज़्यादा सोचता नहीं है। सभी इग्नोर कर देते हैं। लेकिन ऐसे ही लोगों के लिए चंडीगढ़ के बहन-भाई ऑनलाइन विवाद निवारण के लिए ‘वेब न्याय’ नाम का एप लेकर आए हैं। इसमें बिना किसी वकील और बगैर कोर्ट का चक्कर काटे इस ई मंच पर विवाद का निपटारा संभव होगा।

    कोर्ट कचहरी के चक्कर से मिलेगी निजात, अब ऐसे ‘वेब न्याय’ दिलाएगा इंसाफ

    महामारी ने कोर्ट के भी तरीके बदल दिए हैं। काफी जगहों पर ऑनलाइन हियरिंग हो रही है। वेब न्याय काफी फायदेमंद हो सकता है। चंडीगढ़ निवासी विश्वम जिंदल और उनकी बहन इशिता ने कुछ अलग करने की ठानी और बना दिया कोर्ट कचहरी का वैकल्पिक ई मंच। ‘वेब न्याय’ नाम से बनाए गए इस एप के माध्यम से देश के किसी भी हिस्से में बैठ कर सिर्फ अपने मोबाइल के माध्यम से विवाद से जुड़ी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।

    कोर्ट कचहरी के चक्कर से मिलेगी निजात, अब ऐसे ‘वेब न्याय’ दिलाएगा इंसाफ

    महामारी ने लोगों की आर्थिक स्थिति को भारी नुकसान पहुंचाया है। कोर्ट में जाने से उनकी जेबें भी ढीली होती है। लेकिन अब कुछ आसान सवालों के जवाब एप पर देने के बाद शिकायत ऐसी बनती है जैसे उसे वकीलों ने तैयार किया है। जबकि इस तरह की शिकायत तैयार करने के लिए ही वकील हजारों की फीस ले लेते है। एप की खास बात यह है कि यह उपभोक्ताओं के लिए बिल्कुल मुफ्त है। 

    कोर्ट कचहरी के चक्कर से मिलेगी निजात, अब ऐसे ‘वेब न्याय’ दिलाएगा इंसाफ

    दोनों भाई – बहनो ने कुछ अलग करने की ठानी और यह सब इतनी आसानी से बना दिया। इसकी तारीफ हर वर्ग कर रहा है। पेशे से वकील विश्वम जिंदल ने बताया कि यह एप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आधार पर तैयार किया गया है। इस माध्यम से दोनों पक्षों को एक  ई-मंच प्रदान किया जाएगा ताकि कोर्ट के बाहर ही विवाद निपट सके।