प्रशासन के द्वारा समय-समय पर कंटेनमेंट जोन की लिस्ट घोषित की जाती है। जिसमें जिले के विभिन्न एरिया को कंटेनमेंट जोन के अंदर रखा जाता है। लेकिन उस एरिया के लोगों को या फिर यूं कहें जिस मकान को कंटेनमेंट जोन के अंदर रखा गया है।
उस मकान के मालिक को पता ही नहीं होता है कि उनका मकान कंटेनमेंट जोन के अंदर है। अगर उनको पता होता तो अपने घर पर किसी व्यक्ति के आने-जाने पर पाबंदी लगा सकते जब भी प्रशासन के द्वारा कंटेनमेंट जोन की लिस्ट घोषित की जाती है।
उस लिस्ट को जिले के विभिन्न उच्च अधिकारियों को भी दी जाती है। जिससे अधिकारी अपने अपने स्तर पर कंटेनमेंट जोन की जांच पड़ताल कर सके। लेकिन उसके बावजूद भी उन अधिकारियों में से कोई भी अधिकारी या फिर यू कहे की कर्मचारी या फिर विभाग कंटेनमेंट जोन की जांच पड़ताल करता ही नहीं है।
इनको भेजी जाती है लिस्ट
30 मार्च को प्रशासन के द्वारा जिले के 29 कंटेनमेंट जोन के अंदर घोषित किया गया है। कंटेनमेंट जोन के लिस्ट जिले के कई ऐसे उच्च अधिकारियों को भी भेजी जाती है। जिसमें कमिश्नर डिवीजन फरीदाबाद, कमिश्नर नगर निगम फरीदाबाद, कमिश्नर ऑफ पुलिस फरीदाबाद, एडमिनिस्ट्रेटिव एच एस बी पी, एडिशनल डिप्टी कमिश्नर फरीदाबाद, ऑल इंसीडेंट कमांडर कम चेयरमैन, सीएमओ फरीदाबाद, डिस्टिक रिवेन्यू ऑफीसर फरीदाबाद, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर फरीदाबाद, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पीडब्ल्यूडी, एक्शन एच एच ए एम बी, डी एफ एस सी फरीदाबाद, जनरल मैनेजर हरियाणा रोडवेज, डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग एंड एनफोर्समेंट ऑफिसर फरीदाबाद, सेक्रेटरी मार्केट कमेटी फरीदाबाद, डीआईओ फरीदाबाद, डीपीआरओ फरीदाबाद शामिल है। इन सभी विभागों को भी कंटेनमेंट जोन की लिस्ट भेजी जाती है। लेकिन उसके बावजूद भी इनमें से कोई भी विभाग कंटेनमेंट जोन मेंजाकर जांच पड़ताल नहीं करता है।
सीएमओ डॉक्टर संदीप सिंह पुनिया का कहना है कि कंटेनमेंट जोन के अंदर जो मकान आते हैं उनके बाहर किसी प्रकार का नोटिस नहीं लगाया जा सकता क्योंकि यह हाईकोर्ट के आदेश है लेकिन कंटेनमेंट जोन के अंदर आना जाना पाबंद होता है और इसकी जिम्मेवारी संबंधित पुलिस चौकी व पुलिस थाने की होती है इसीलिए जब भी कंटेनमेंट जोन की लिस्ट घोषित की जाती है तब एक कॉपी कमिश्नर ऑफ पुलिस फरीदाबाद को भी दी जाती है ताकि वह अपने अपने एरिया में जो मकान या जो एरिया कंटेनमेंट जोन के अंदर है उसकी जांच करते कर सकें।