देश में कहीं न कहीं ऐसी धारणा बन गई है कि किसानों की आय नहीं होती। जो लोग अब दिमाग से खेती से कर रहे हैं वो मौज कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में हरियाणा निवासी 53 वर्षीय मधुमक्खी पालक किसान सुभाष कांबोज की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्म निर्भरता के क्षेत्र में पूर्व अध्यापक की व्यवसाय की शैली अपने आप में एक उदाहरण है।
बेशक लोगों को आज सामान्य खेती में कोई खास भविष्य नजर नहीं आ रहा है। इसलिए, बहुत से किसान परिवार खेती छोड़कर दूसरे रोजगार तलाश रहे हैं।लेकिन इस किसान ने यह सोच बदल दी है। देशवासी उनके व्यवसाय को अपनाकर आत्म निर्भर बने। सुभाष प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर काफी उत्साहित है।
सुभाष की तरह कुछ ऐसे किसान भी हैं, जिन्होंने खेती से जुड़े दूसरे विकल्पों में सफलता तलाशी है। कांबोज ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई प्रशंसा से उन्हें जीवन में और आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिलेगा। वह स्नातक पास है और उन्होंने डीपीएड का डिप्लोमा भी किया हुआ है। 1996 से पहले उन्होंने निजी विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्य किया है।
भारत में ऐसी धारणा काफी लोगों की है कि किसान काफी कम पैसा कमाता है। लेकिन यह धारणा काफी पुरानी हो गयी है। सुभाष ने बताया कि वह 10 एकड़ में खेती करते हैं। 1996 में खादी ग्राम उद्योग से मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मधुमक्खी पालन के 6 बॉक्स से उन्होंने काम शुरू किया था। 2006 से लेकर अब तक उनके पास लगभग 2 हजार मधुमक्खी के बॉक्स हैं।
कृषि क्षेत्रों में भी लगातार बदलाव होते जा रहे हैं। काफी लोग खेती की तरफ बढ़ने लगे हैं। सुभाष पूरे भारत में खुद शहद की बिक्री करते हैं। उनका शहद के कारोबार में 35 से 40 लाख रुपये का टर्न ओवर है। जिसमें से लगभग 15 लाख रुपये की सालाना शुद्ध आमदनी होती है। उन्होंने बताया कि अब तक वह हजार से ज्यादा लोगों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण देकर आत्म निर्भर बना चुके हैं।