एक शादी ऐसी भी, होली में एक दूसरे के गालों पर गुलाल लगाते-लगाते भर दी मांग, और हो गए एक दूजे के

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    शादियों के लिए जोड़ी ईश्वर आसमान से बनाकर भेजता है। यह बात सभी ने सुनी होगी। ऐसी कहानी घटती भी हैं ज़िंदगी में। बिहार में भी ऐसा ही हुआ। आपने फिल्म शोले का ये गाना तो सुना होगा, ‘होली होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं। इस गाने को चरितार्थ करता हुआ एक मामला सामने आया है बिहारसे से जहां एक दूसरे के गालों पर गुलाल मलते -मलते राहुल और ज्योति हमेशा के लिए एक दूसरे के हो गए।

    इस शादी की चर्चा पूरे देश में हो रही है। फ़िल्में भी इस शादी के आगे फेल हैं। हर जगह लोग होली के दिन हुए इस वाकये की चर्चा एक दूसरे से कर रहे हैं। वैसे भी होली तो होली है दो दिलों का मिलन, यहां हो ही जाता है।

    एक शादी ऐसी भी, होली में एक दूसरे के गालों पर गुलाल लगाते-लगाते भर दी मांग, और हो गए एक दूजे के

    यह होली का त्योहार इस जोड़े को हमेशा के लिए याद रहेगा। शायद इस जोड़े ने सोचा नहीं होगा कि इनकी ज़िंदगी बदलने वाली है। दरअसल, यह मामला कहलगांव प्रखंड के बंशीपुर गांव का है जहां रहने वाले राहुल और ज्योति की कहानी एकदम फिल्मी है। ज्योति और राहुल के बीच करीब एक साल से बातचीत हो रही थी और इसी दौरान वह राहुल को दिल दे बैठी।

    एक शादी ऐसी भी, होली में एक दूसरे के गालों पर गुलाल लगाते-लगाते भर दी मांग, और हो गए एक दूजे के

    इनकी प्रेम की कहानी ऐसी है, जिसको सुनकर इनके होने वाले बच्चे भी शायद यही कहेंगे कि “वाह क्या शादी थी” इस कहानी में छिप-छिपकर मिलना जुलना जारी था। लुकाछिपी का खेल बहुत दिन तक नहीं चला था। धीरे-धीरे पूरे गांव में यह प्रेम कहानी सभी की जुबान पर चढ़ गई। होली के दिन ज्योति अपनी सखियों के साथ प्रेमी राहुल के साथ रंग खेलने के लिए उसके घर पहुंच गईं।

    एक शादी ऐसी भी, होली में एक दूसरे के गालों पर गुलाल लगाते-लगाते भर दी मांग, और हो गए एक दूजे के

    शादी किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा दिवस होता है। इस जोड़े को यह दिन हमेशा याद रहेगा। इनके प्यार का रंग इतना गहरा चढ़ा को दोनों ने तुरंत एक दूसरे के साथ जीवन बिताने की ठान ली। राहुल ने सिंदूर से ज्योति की मांग भर दी और तुरंत ही यह खबर दोनों परिवारों तक पहुंच गई।