जब तक आपके हौसलों में जान है तब तक आप में इच्छाशक्ति है। 2 साल की उम्र होती ही क्या है, इस उम्र में इन्हें पीलिया हुआ लेकिन उस उम्र में भी हार नहीं मानी और आज हरियाणा का नाम रौशन कर रहे हैं। दरअसल, इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर शुरू हुए दिव्यांग प्रीमियर लीग टी-20 में जींद के बड़ौदी गांव का प्रदीप चहल भी बल्लेबाजी और गेंदबाजी में दम दिखाएगा।
हरियाणा को अगर खिलाडियों की धरती कहा जाये तो कोई गुरेज़ नहीं होगा। दिव्यांग होने के बावजूद इन्होनें हार नहीं मानी। दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा 8 अप्रैल से 15 अप्रैल तक दुबई में शारीरिक रूप से दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों का दिव्यांग प्रीमियर लीग टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है।
हरियाणा से दुबई के इस सफर में उन्होंने एकाग्र होकर कड़ी मेहनत की है। प्रदीप चहल को आलराउंडर खिलाड़ी के तौर पर कोलकाता नाइट फाइटर की टीम में शामिल किया गया है। दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट में देश के विभिन्न राज्यों से 90 चुने हुए खिलाड़ियों को छह टीमों चेन्नई सुपर स्टार, दिल्ली चेलैंजर, कोलकाता नाइट फाइटर्स, मुंबई आइडियल, गुजरात हिटर्स और राजस्थान रजवाड़ा टीमों में बांटा गया है।
अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते उन्हें आज इस प्रतियोगिता में खेलने का मौका मिला है। इसमें चेन्नई सुपर स्टार की कप्तानी सचिन शिवा, मुंबई आइडियल की कप्तानी बृजेश द्विवेदी, कोलकाता नाइट फाइटर्स कप्तान सूवरो जॉर्डर, गुजरात हिटर्स के कप्तान चिराग गांधी, राजस्थान रजवाड़ा के कप्तान सैयद शाह अजीज, तथा दिल्ली चैनेंजर्स के कप्तान यादविंदर सिंह खेड़ा को बनाया गया है।
आप क्रिकेटर हैं या डॉक्टर हैं। सफल तभी बना जाता है जब एकाग्रता होती है। चहल हमेशा एकाग्र रहे हैं। उन्होंने किसी और राह को कभी चुना नहीं। आज हरियाणा का नाम चमका रहे हैं।