मां सरस्वती को सदियों से शिक्षा व संगीत की देवी के रूप में पूजा जाता रहा है। प्रत्येक स्कूल में फिर चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट, मां सरस्वती की मूर्ति को स्थापित किया जाता है।
लेकिन एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मां सरस्वती की मूर्ति को हटाकर एक महिला का फोटो रखा गया है। यह मामला फरीदाबाद के लखदपुर स्थित एक सरकारी स्कूल का है।
दरअसल स्कूल की प्रिंसिपल एक महिला को भगवान के रूप में पूजती है। वैसे तो भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी का ही रूप माना जाता है और मां को बच्चे का पहला गुरु भी माना जाता है।
लेकिन इस प्रकार का वाकया पहली बार सामने आया है जब स्कूल के प्रिंसिपल ने स्कूल से मां सरस्वती की मूर्ति को हटाकर किसी महिला का फोटो और जगह पर रखवा दिया है। इतना ही नहीं प्रिंसिपल ने स्कूल के सभी बच्चों को भी उस महिला माता के फोटो बांट दिए हैं।
प्रत्येक स्कूल में बच्चों की पढ़ाई शुरू कराने से पहले मां सरस्वती की वंदना की जाती है। शिक्षा की देवी मां सरस्वती से बच्चे आशीर्वाद प्राप्त कर पढ़ाई शुरू करते हैं। जबकि इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की वजह माता जी की पूजा कर पास होने का मूल मंत्र प्रिंसिपल द्वारा किया जा रहा है। सुनने में तो यह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लग रही लेकिन यह सच है जोकि फरीदाबाद के लखदपुर स्थित एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल का मामला है।
अंधविश्वास का यह मामला फिलहाल जिला शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी के पास पहुंच चुका है। तो चौधरी ने कहा है कि इस मामले को संज्ञान में लिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मामले की वास्तविकता सत्यापित करने के लिए स्कूल में जाकर निरीक्षण किया जाएगा। सच्चाई को सबके सामने लाया जाएगा तथा उचित कार्रवाई भी की जाएगी।
नोट : तस्वीरे काल्पनिक है