नियमों की अनदेखी लोगों को पड़ रही है भारी, सिक्योरिटी चार्जेस के बारे में लोगों को नहीं है जानकारी

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बिजली विभाग के नियमों की अनदेखी अब लोगों पर भारी पड़ रही है। बिजली विभाग द्वारा सिक्योरिटी चार्जेस के नाम पर लोगों से अतिरिक्त शुल्क वसूला जा रहा है जिसको लेकर लोगों में रोष के साथ- साथ अनभिज्ञता भी देखने को मिल रही हैं।


दरअसल, बीते दिनों दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई जिसमें उपभोक्ताओं को अग्रिम सुरक्षा राशि जमा करने के आदेश दिए गए। अधिसूचना के अनुसार सक्रिय बिजली उपभोक्ताओं द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष की औसत बिलिंग के आधार पर जमा की गई अग्रिम खपत जमा (ए.सी.डी.) की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया हैं।

नियमों की अनदेखी लोगों को पड़ रही है भारी, सिक्योरिटी चार्जेस के बारे में लोगों को नहीं है जानकारी

इसके तहत प्रत्येक उपभोक्ता की साल में आने वाले औसतन दो बिलों के बराबर अग्रिम सुरक्षा राशि का जमा होना अनिवार्य है। अगर औसतन दो बिलों से कम अग्रिम सुरक्षा राशि जमा है तो उपभोक्ता से उसकी बकाया राशि वसूली जाएगी।

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा उपभोक्ताओं को एस.एम.एस. के माध्यम से भी इस बारे जानकारी दी जा रही है। हाल ही में यह देखा गया है कि कुछ उपभोक्ताओं को स्पॉट बिल और ऑनलाइन उपलब्ध बिल में दिखाई गई अलग-अलग राशि के कारण अपने बिजली बिलों का भुगतान करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

इस सूचना के बाद लोगों से लगभग तीन गुना बिल वसूला जा रहा है। लोगों के अंदर इस अधिसूचना को लेकर रोष देखने को मिल रहा है।

नियमों की अनदेखी लोगों को पड़ रही है भारी, सिक्योरिटी चार्जेस के बारे में लोगों को नहीं है जानकारी

लोगों को नहीं है केवाईसी की जानकारी
बिजली विभाग में अपना बिजली बिल जमा करने पहुंचे कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें अपने बिजली बिल से संबंधित इस विषय में कोई जानकारी नहीं है और उन्हें मैसेज के माध्यम से भी यह जानकारी नहीं दी गई है। जब इस विषय में अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सिक्योरिटी चार्जेस के बारे में लोगों को मैसेज के माध्यम से अवगत कराया गया है वहीं केवाईसी को लेकर भी लोगों को कई बार अवगत कराया जा चुका है।

क्या होती है केवाईसी
केवाईसी का अर्थ नो योर कस्टमर होता है। इसमें लोगों को अपने पहचान से संबंधित जानकारी विभाग में जमा करनी होती है। लोगों द्वारा अपनी केवाईसी नहीं करवाई गई है जिसका भुगतान उन्हें अब करना पड़ रहा है।