किसी भी संपत्ति को जोड़ने के लिए इंसान सालों – साल मेहनत करता है। इसी मेहनत को देखते हुए प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, अब प्रदेश में हर तरह की संपत्ति की आईडी दी जाएगी और इसमें सरकारी संपत्ति को भी शामिल किया जाएगा। सरकारी विभागों की परिसंपत्तियों का स्वामित्व भी पंचायतों व जिला परिषदों से अलग किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की संपत्ति पर किसी तरह का विवाद न हो।
इस कदम से बहुत लोगों को राहत मिलेगी। संपत्ति को लेकर काफी कलेश भी होते हैं लेकिन अब नए फैसले के तहत विवादास्पद संपत्ति की भी अलग से श्रेणी बनाई जाएगी। यह जानकारी सीएम मनोहर लाल ने दी। वे हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट व स्वामित्व योजना को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
नए फैसले के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि संपत्ति जितने विवाद चल रहे हैं वो खत्म हो सकेंगे। इसी के साथ, सीएम ने कहा है कि चकबंदी का कार्य हर 50 साल के बाद दोबारा किए जाने की जरूरत है और चकबंदी कार्य के लिए अलग से काडर बनाया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि भूमि का मूल्यांकन गांव की बजाय एकड़ के हिसाब से किया जाए।
चकबंदी से हर ग्रामीणवासी को लाभ मिलने की उम्मीद है। साथ ही अब सरकारी परियोजनाओं के लिए स्वेच्छा से भूमि देने वाले लोगों के लिए ई-भूमि पोर्टल के रूप में एक प्लेटफार्म मुहैया करवाया गया है। सीएम ने निर्देश दिए कि मोरनी ब्लॉक में ड्रोन मैपिंग का कार्य एक महीने के अंदर पूरा किया जाए।
हरियाणा सरकार तत्परता से जनता की सुगमता के लिए कार्य कर रही है। संपत्ति पहचान पत्र बनने से प्रॉपर्टी का काला धंधा बंद होने की उम्मीद है। इस फैसले पर जल्द से काम होना चाहिए।