जैसे कि हम आए दिन देख सकते हैं कि जब से बिजली निगम की तरफ से सिक्योरिटी चार्ज को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई है। तब से जिले में जगह-जगह लोगों का प्रदर्शन जारी है।
इसी प्रदर्शन को जारी रखते हुए रविवार को कनफेडरेशन ऑफ आरडब्लूए के द्वारा सेक्टर 15 स्थित कमेटी सेंटर में भी विरोध में बैठक की गई।
जिसमें कन्फर्मेशन आरडब्ल्यूए के चैयरमेन एनके गर्ग का कहना है कि उपभोग उपभोक्ताओं को उनके खाते में दो औसतन बिजली बिल के बराबर अग्रिम राशि रखना अनिवार्य करके उनपर आर्थिक बोझ डाल दिया गया है। जिसका सामना जिले के करीब पौने छह लाख उपभोक्ताओं को करना पड़ेगा।
एनके गर्ग ने बताया कि महामारी की वजह से सैकड़ों की संख्या में लोग नौकरी गंवा चुके हैं। जैसे तैसे करके वह अपने घर का पालन पोषण कर रहे थे। अभी उनकी जॉब फिर हुई थी कि बिजली विभाग ने एसीबी के नाम पर भारी भरकम टैक्स लगाकर उपभोक्ताओं को परेशान करना शुरू कर दिया है।
उनका कहना है कि उपभोक्ताओं के लिए इतना अधिक अतिरिक्त बिल भरना संभव नहीं है। यह लोगों की पहुंच से बाहर है। बढ़ी हुई एसीडी केवल बकायेदारों से ही वसूली जानी चाहिए ना कि आम जनता से। जो कि समय पर बिजली का बिल भर्ती है। इसी मीटिंग में यह भी मुद्दा उठाया गया कि जिले के रिहायशी इलाकों में जो ओयो होटल चल रहे हैं।
उनको भी बंद किया जाए क्योंकि वह उसी के वजह से एरिया में रहने वाले लोगों पर या फिर यूं कहें युवाओं पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। उनके परिजन काफी परेशान है। उन्होंने कई बार प्रशासन व पुलिस विभाग को शिकायत दी है। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इस बैठक में सुबोध नागपाल, गजराज नागर, ऋषि गर्ग, शिव सिंह मलिक, सतवीर, दीपक वर्मा, महेश आदि लोग मौजूद थे।