आबकारी अधिकारियों की ठेकेदारों के साथ सांठगांठ से हरियाणा सरकार को 5 करोड़ की चपत

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कैग द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में जिक्र करते हुए बताया कि इस बार प्रदेश सरकार यानी कि हरियाणा में आबकारी अधिकारियों की शराब ठेकेदारों के साथ एक और अन्य साठगांठ उजागर देखी जा सकती हैं।

दरअसल, दो साल तक शराब ठेकेदार तय से कम कोटा उठाते रहे, कुछ जिलों के डीईटीसी (उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त, आबकारी) ने जुर्माना तो लगाया पर वसूली नहीं की।

आबकारी अधिकारियों की ठेकेदारों के साथ सांठगांठ से हरियाणा सरकार को 5 करोड़ की चपत

वहीं कैग ने आबकारी एवं कराधान विभाग त्रैमासिक कोटा कम उठाने की एक अलग रिपोर्ट बनाने पर विचार करे। लाइसेंस फीस देरी से भरने के मामलों में ब्याज की स्वचालित गणना की अंतर्निहित प्रणाली विकसित करने के बारे में सोचें। रिपोर्ट में दर्ज कमियां विभाग के दस्तावेजों की लेखा परीक्षा व नमूना जांच पर आधारित हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह बात भी निकल कर सामने आई कि ठेकेदार द्वारा लाइसेंस फीस भी कभी समय अवधि के रहते भरा नहीं गया है। 58 लाइसेंस धारकों ने अप्रैल 2016 से मार्च 2018 तक 153 करोड़ लाइसेंस फीस देरी से भरी।

आबकारी अधिकारियों की ठेकेदारों के साथ सांठगांठ से हरियाणा सरकार को 5 करोड़ की चपत

इसके ब्याज के रूप में आबकारी एवं कराधान विभाग को 3.19 करोड़ ब्याज मिलना था, ये राशि लाइसेंस धारकों से वसूली ही नहीं गई। इससे भी सरकार को वित्तीय हानि हुई। कैग ने सरकार से इस तरह के सभी मामलों की समीक्षा करने की सिफारिश की है।

आबकारी नीति के अनुसार 2016-17 व 2017-18 में ठेकेदारों को भारत मे बनी विदेशी शराब व देसी शराब का निर्धारित त्रैमासिक कोटा पूरा उठाना था। लेकिन, ठेकेदारों ने ऐसा नहीं किया। इसलिए भारत मे बनी विदेशी शराब का कोटा कम उठाने पर 65 रुपये प्रति प्रूफ लीटर और देशी शराब के कम उठाए कोटे पर 20 रुपये प्रति प्रूफ लीटर जुर्माना लगा।

आबकारी अधिकारियों की ठेकेदारों के साथ सांठगांठ से हरियाणा सरकार को 5 करोड़ की चपत

भिवानी, गुरुग्राम पूर्व, गुरुग्राम पश्चिम, करनाल व कुरुक्षेत्र के डीईटीसी ने कैग को आडिट में बताया कि 80 शराब ठेकेदारों ने तय कोटा नहीं उठाया है। जुर्माना राशि की वसूली को लेकर डीईटीसी ने कहा कि प्रयास किए जाएंगे।

भिवानी व कुरुक्षेत्र में मात्र 10 रुपये जुर्माना राशि ठेकेदारों से वसूली गई। कैग ने सरकार के समक्ष जून 2019 में ये मामले उठाए, लेकिन मार्च 2020 तक कोई जवाब नहीं मिला।

कैग अनुसार प्रूफ लीटर में इतना कोटा नहीं उठाया
मूल कोटा अंग्रेजी शराब का कम उठाया देसी का कम उठाया
1556124 365104 1332308
जुर्माना राशि 2.37 करोड़ 2.66 करोड़