गलियारे सत्ता के : बिजली बिल, जनता, विपक्ष और भाजपा की मनमानी

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फरीदाबाद : जिले वासियों के दिमाग की बत्ती इस समय आने वाले बिजली के बिलो के कारण गुल है .हर उपभोक्ता इस समय आने वाले बिल का रोना रो रहा है की इस समय कैसे इस बिल की अदायगी की जाएगी ।

जंहा एक ओर विपक्ष इस समय जनता के दर्द का साथी बना हुआ है वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा बिजली पर एसीबी (सिक्योरिटी चार्ज) लगाए जाने से उपभोक्ता नाराज हैं।

गलियारे सत्ता के : बिजली बिल, जनता, विपक्ष और भाजपा की मनमानी

बता दें कि सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को से एसीडी (अग्रिम खपत जमा ) लगाने से खासा नाराज आ रहे है

डएचबीवीएन पहले ही ग्राहकों को लूट रहा है

फरीदाबाद एनआईटी के विधायक शर्मा ने कहा कि बिजली डिपार्टमेंट डीएचबीवीएन के उपभोक्ताओं को लूटने का कार्य भलीभांति कर रहा है। उन्होनें बताया कि डएचबीवीएन और यूएचबीवीएन दो अलग – अलग कंपनियां हैं। डीएचबीवीएन की कोस्ट ऑफ सर्विस पर यूनिट 7.25 रुपए है जबकि यूएचबीवी एन की 7.84 रूपए है।

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डएचबीवीएन का कॉस्ट यूएचबीवीएन से 59 पैसे कम है, लाइन कॉस्ट 5 प्रतिशत कम है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से हर वर्ष 7 हजार करोड़ रुपए सब्सिडी आती है। डीएचबीवीएन में एग्री कल्चर की खपत 60 प्रतिशत है जबकि सब्सिडी 45 प्रतिशत ही मिलती है। डीएचबीवी एन के मुकाबले यूएचबीवीएन का यूनिट 1.50 रुपए महंगी है।

उन्होंने कहा कि अब सिक्योरिटी चार्ज के नाम पर जनता से 4 महीनों का एडवांस लिया जा रहा है जोकि 4 महीनों का नहीं बल्कि 6 महीनों का है। वहीं दूसरी ओर कोरोना काल चल रहा है। शहर में जगह – जगह कर्फ्यू लगाए जा रहे हैं और अगर स्थिति ऐसी ही रही तो यहां भी कर्फ्यू लगाया जा सकता है।

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इस समय लोगों के पास काम धंधे भी नहीं है, मार्च का महीना है और बच्चो के स्कूल स्टार्ट होने ने उनकी फीस व कॉपी, किताबो का भी खर्चा हो रहा है। इसके बावजूद डीएचबीवीएन उपभोक्ताओं पर अत्याचार किया जा रहा है। नीरज शर्मा ने कहा कि इस एच ई आर सी की सिफारिश बताया जा रहा है,

जबकि एच ई आर सी पिछले 3 सालों से एनर्जी ऑडिट करने को कह रहा है। उनका कहना है कि यदि एनर्जी ऑडिट होती है तो बिजली सस्ती हो जाएगी। उनके द्वारा डीएचबीवीएन अपने घाटों व कमियों को छुपाने के लिए उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है।

ट्रिपल (AAA ) पर काम कर रही हैं सरकार

कांग्रेसी नेता सुमित गॉड ने जनता के सहयोग में बोला कि बीजेपी सरकार गूंगी, बेहरी, बेकार व दिशाहीन सरकार है। उनका कहना है कि बीजेपी को सत्ता में आए 6-7 साल हो चुके हैं और इन सालों में कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता व नेता ने उन्हें जगाने का प्रयास किया है तथा तब तक करती रहेगी जब तक बीजेपी सरकार जाग नहीं जाती। उन्होंने कहा कि जनता की पीड़ा को केवल कांग्रेस पार्टी ही समझ सकती है।

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सुमित ने कहा कि जब बीजेपी सरकार सत्ता में नहीं थी तब ये अनेक वादे करते थे, जैसे कि इनका कहना था कि ये जीडीपी बड़ा देंगे, बेरोजगारी और क्राइम को खतम कर देंगे। जबकि सरकार आने के बाद इनका जीडीपी में कोई स्टैंड नहीं है तथा क्राइम और आतंकवादी हमले इन 6 सालों में जितने हुए हैं पिछले 40 सालों में भी नहीं हुए।

महिलाओं और दलितों के प्रति भी क्राइम कम होने की बजाए बड़े हैं। इतना ही नहीं पिछले 130 दिनों से तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग में धरने पर बैठे किसानों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। और अब सिक्युरिटी चार्ज के नाम पर आमजन से दोगुने बिलजी बिल भराए जा रहे हैं।

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सुमित का कहना है कि इस दिशाहीन का मकसद केवल आमजन से किसी भी बहने से पैसे एकत्रित करना है। उनका कहना है कि आने वाले समय में जनता पूरी तरह से बीजेपी सरकार को हटाने का मन चुकी है क्योंकि बीजेपी सरकार को न तो देश चलाना आता है और न ही प्रदेश।

सुमित गॉड का कहना है कि सरकार धरने पर बैठे किसानों के लिए भी कुछ नहीं कर रही है। उनका कहना है कि बीजेपी को सिर्फ वोट चाहिए थे जो उन्हें मिले। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ओबीसी भी इन्हीं के एजेंट होते हैं क्योंकि किसी भी जगह जब चुनाव होने होते हैं तो ओबीसी वहां लगभग 6 महीनों पहले पहुंच जाती है और बीजेपी के लोगों को भला बुरा कहते हैं।

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भोलीभाली जनता राजनीति को नहीं समझ पाती और इनके बहकावे में आ कर बीजेपी को सही समझ लेते हैं और उन्हें ही वोट देते हैं। लेकिन अब ये बात हर व्यक्ति को समझनी होगी की कुछ कर गुजरने की तमन्ना केवल कांग्रेस पार्टी की है।

बीजेपी का कहना की वे हर जन को सुख – सुविधा उपलब्ध कराएंगे, बीजेपी सरकार ऐसा कर तो रही है लेकिन वह सिर्फ बीजेपी के मंत्री, नेताओं और सहयोगियों के परिवार तक ही सीमित है। बीजेपी ट्रिपल ए (अडानी ,अम्बानी और आमदनी ) में विश्वास रखती है। उन्हें अडानी, अंबानी और आमदनी के अलावा कुछ नहीं चाहिए होता।