चैत्र मास के नवरात्र की शुरुआत आज से हो चुकी है। जिले भर के सभी मंदिरों में नवरात्र की धूम देखने को मिली। मंदिरों में मां भवानी के दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। मंदिरों में महामारी को लेकर भी विशेष तैयारियां की गई थी जिसमें महामारी के सभी गाइडलाइंस का पालन किया गया।
एनआईटी 1 स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में भी मां भवानी के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तजन अपने इष्ट देवी के दर्शन करने के लिए आतुर नजर आए। माता वैष्णो देवी मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया ने बताया कि महामारी के सभी नियमों का मंदिर में पालन किया गया है।
मंदिर में एंट्री करते ही सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है तथा सभी भक्तों गणों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है वही कतारबद्ध होकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के साथ ही भक्तगण मां भवानी के दर्शन कर रहे हैं।
वही सिद्ध पीठ श्री महाकाली मंदिर के प्रधान राकेश ने भी बताया कि मंदिर में महामारी के मद्देनजर काफी तैयारियां की गई हैं। सरकार ने नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया है जिसके मद्देनजर भी माता का जागरण व अन्य कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि वैसे तो माता का जागरण हर वर्ष रात 12 तक होता है वहीं इस वर्ष सिर्फ 9 बजे तक ही जागरण किया जाएगा। भंडारे का आयोजन भी इस बार नहीं किया जाएगा।
नवरात्र के पहले दिन हिमालय की पुत्री माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि माता शैलपुत्री की पूजा भर से ही जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
मां शैलपुत्री के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल है। यह देवी वृषभ पर विराजमान हैं, जो पूरे हिमालय पर राज करती है। मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।