हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में लोग डर – डर कर जीने को मजबूर हैं। महेंद्रगढ़ जिले के इस प्रकार जीने की वजह है नारनौल में चल रही पत्थर खदान है।
यहां दोपहर होते ही भूकंप जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। मकान हिलने लगते हैं और लोग डर के अपने घरों से बाहर निकाल आते हैं।
महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में चल रही पत्थर खदान पर न तो कोई नियम लागू हो रहा है और न वह किसी मापदंड को पूरा करते हैं। इन पत्थर खदानों में की जा रही हैवी ब्लास्टिंग के कारण लोगों के मकानों में दरारें आ गई है।
लोगों को हर समय डर लगा रहता है कि न जाने कब कोई पत्थर उनका मकान तोड़ दे या उनकी जान पे बन आए।
लोग दहशत की जिंदगी जी रहे हैं। नारनौल के स्थानीय निवासियों ने बताया कि ये लोग माइन्स के खिलाफ शिकायत भी नहीं कर पाते, क्योंकि मालिक इतना प्रभावशाली है कि लोगों को डर रहता है, यदि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई तो उल्टा उनके साथ कोई घटना घटित न हो जाए।
सरकार द्वारा माइंस कार्य के लिए एक मापदंड बनाया गया था ताकि इसकी वजह से अन्य लोगों और वातावरण को कोई हानि न पहुंचे।
लेकिन माइंस मालिकों द्वारा सरकार के इस आदेश की अवहेलना की जा रही है तथा हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है। हैवी ब्लास्टिंग के इस मामले में कोई अधिकारी भी कुछ कहने को तैयार नहीं हो रहा है।
सरकार द्वारा बनाए गए माइंस के लिए लागू मापदंडों को न पूरा ही किया जा रहा है और न ही नियमों की कोई परवाह की जा रही है। जब माइंस की ब्लास्टिंग होती है तो करीब 2 किलोमीटर तक पत्थरों के टुकड़े देखने को मिलते हैं।
ब्लास्टिंग के कारण मकान हिल जाते हैं, लोग भयभीत हो जाते हैं। महेंद्रगढ़ में हैवी ब्लास्टिंग के इस बड़े मामले के बावजूद प्रशासन शांत है, कुछ कहने को तैयार नहीं। प्रशासन के इस तरह मौन रहने की वजह का पता लगाया जा रहा है।