एक गरीब व्यक्ति से लेकर एक बड़े से बड़े व्यक्ति तक उसकी इज्जत उसके लिए बहुत माईने रखती है। कहावत है कि इंसान अपनी इज्जत बनाने में वर्षों लगा देता है लेकिन उसे गंवाने में एक पल ही काफी होता है। इस संसार में हरेक इंसान के लिए इज्जत, मान और प्रतिष्ठा बहुत ही मायने रखती है। देश संविधान के अंतर्गत हरेक इंसान को कुछ मौलिक अधिकार और दायित्व दिए गए हैं।
समाज में मानव को दिए अधिकारों में मान, सम्मान और ख्याति को भी अधिकार माना गया है। प्रत्येक व्यक्ति को ये अधिकार है कि वो अपने प्रतिस्ठा, इज्जत, ख्याति और सामाजिक सम्मान को किसी भी तरह से ठेस पहुंचने से बचा सके और साथ ही अगर कोई व्यक्ति उसकी इज्जत और सौहरत के साथ खिलवाड़ करता है तो वह उसके खिलाफ न्यायालय में जा सकता है।
डेफ़मेशन का अर्थ मानहानि होता है। अमूमन यह मुकदमा टेलीविजन, अखबरों या बड़े-बड़े बिजनेसमैन और सेलिब्रिटी से सुनने वाला शब्द है। किसी भी व्यक्ति की बेइज्जती करना, समाज में उसको निचा दिखाने की कोशिस करना, उस पर कोई झूठा आरोप लगाना, झूठा बेईमान कहना, उसे गाली देना इतियादी मानहानि केस के अन्दर आते है और उसके लिए आरोप लगाने वाला व्यक्ति अपराधी की श्रेणी में आता है।
भारतीय में संविधान में अनुच्छेद 19 के अंतर्गत वाक्य स्वतंत्रता दी गयी है। आप किसी का अपमान नहीं कर सकते हैं। बहुत बार हम किसी व्यक्ति को बिना कुछ सोचे समझे कुछ भी कह देते है लेकिन हमारे द्वारा बिना सोचे समझे कहा गया एक वाक्य और शब्द हमारे लिए मुसीबत बन सकता है।किसी व्यक्ति को निचा दिखाने के उद्देश्य से उसकी जाति , समुदाय और उसके धर्म के बारे में अपशब्द कहना मानहानि के अन्दर आते है।
लड़ाई – झगडे करते समय किसी को समझ नहीं होती है और वह बहुत अनाब-शनाब व्यक्ति बोल देता है। इस दौरान किसी को चमार, चुडा ,कोरी , धानक, भंगी इतियादी कहने से व्यक्ति पर मानहानि का मुकदमा चल सकता है। भारतीय दंड संहिता की मानहानि की धारा 499 के अनुसार भारत के प्रत्येक व्यक्ति को अपन मान-सम्मान, शौहरत, यश इतियादी को सुरक्षित रखने का अधिकार है।
भारतीय संविधान किसी को अपमानित करने की इज़ाज़त नहीं देता है। सभी एक सामान है। लेकिन फिर भी अगर कोई व्यक्ति किसी दुसरे व्यक्ति की मानहानि करता है तो उसको धारा 500 के तहत 2 साल तक की कैद या आर्थिक जुर्माना या फिर ये दोनों सज़ा हो सकती है। आर्थिक उदेश्य के लिए किसी की मानहानि करने पर धारा 502 के तहत 2 साल तक की कैद या आर्थिक जुर्माना या फिर ये दोनों सज़ा हो सकती है।