मजदूरों का पलायन नगर निगम के लिए भी परेशानी का सबब बन रहा है। पलायन से अधूरे पड़े विकास कार्य ठंडे बस्ते में चले गए हैं।
दरअसल, जिले में इन दिनों महामारी अपने चरम पर है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीजों की पुष्टि हो रही है ऐसे में मजदूरों के अंदर एक डर उत्पन्न हो गया है। लॉकडाउन में मजदूरों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन में मजदूर फंस कर रह गए थे। मजदूरों के पास मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव देखने को मिला वहीं इस बार मजदूरों ने पहले ही पलायन करना शुरू कर दिया है।
वही मजदूरों के पलायन से नगर निगम पर भी काफी असर देखने को मिल रहा है। शहर में विभिन्न प्रकार के विकास कार्य अधूरे पड़े हुए हैं वही अब मजदूरों के पलायन से ठंडे बस्ते में चले जाएंगे। इन दिनों जिले में बहुत से विकास कार्य चल रहे हैं जिसमें मजदूरों की अहम भूमिका है। मजदूरों के बिना विकास कार्य रुक जाएंगे ऐसे में मजदूरों का पलायन नगर निगम अधिकारियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा।
आपको बता दें कि पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन से भी शहर के विकास कार्यों में कमी देखने को मिली थी। विकास कार्य न होने का खामियाजा आम जनता को अब भी भुगतना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि फरीदाबाद औद्योगिक नगरी के रूप में विख्यात है। जिले को औद्योगिक नगरी बनाने में मजदूरों का अहम योगदान है। अगर बात करें उद्योगों की तो बीते वर्ष लगे लॉकडाउन से पहले ही फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्र की हालत पतली थी वहीं अब मजदूरों के पलायन से स्थिति गंभीर हो गई है।
ऐसे में यह सोचने का विषय है कि मजदूरों के बिना फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों पर क्या असर देखने को मिलेगा।