फरीदाबाद : पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए आरोपियों की धरपकड़ के डीसीपी क्राइम सुमेर सिंह यादव को आदेश दिए जिस पर कार्रवाई करते हुए इस विक्रम अनिल यादव के नेतृत्व में लगातार मेहनत करते हुए क्राइम ब्रांच डीएलएफ की टीम ने गुप्त सूत्रों एवं तकनीकी सहायता से मात्र 72 घंटे के अंदर दो आरोपियों राहुल और राकेश को दिल्ली के आनंद विहार और आरोपी विजय को सोनीपत के गोहाना से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।
पुलिस आयुक्त के दिशा निर्देशों के तहत कार्य करते हुए क्राइम ब्रांच डीएलएफ ने व्यापारी हत्याकांड की गुत्थी सुलझाते हुए हत्या में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में राहुल, राकेश और विजय का नाम शामिल है।
आरोपी राकेश फरीदाबाद के तिगांव व आरोपी राहुल बल्लभगढ़ का रहने वाला है वहीं आरोपी विजय सोनीपत के गोहाना का रहने वाला है।
आरोपी राकेश प्लंबर का काम करता है जो पिछले 12 साल से मृतक आदेश की हार्डवेयर की दुकान से प्लंबर का सामान खरीदा था।
आरोपी राहुल, आरोपी राकेश का भांजा है और आरोपी विजय आरोपी राहुल का दोस्त है। आरोपी विजय इससे पहले लूट व चोरी की वारदातों में शामिल रहा है और इसके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हैं।
जिस समय आरोपी विजय जेल में था तो उसके सर काफी कर्जा हो गया था इसी बीच आरोपी विजय की दोस्ती आरोपी राहुल के साथ हुई और इसी तरह राहुल और विजय की जानकारी हो गई।
पैसो के लालच के चलते तीनों आरोपियों ने व्यापारी को लूटने की योजना बनाई जिसके लिए आरोपी राहुल अपने गांव से कट्टा और आरोपी राकेश चाकू लेकर आया वहीं आरोपी विजय वारदात को अंजाम देने के लिए 15 अप्रैल को दिल्ली से इक्को वेन चोरी करके लाया था।
योजना के तहत कार्य करते हुए आरोपियों ने 18 अप्रैल को व्यापारी की रेकी करनी शुरू कर दी। आरोपी तिगांव से व्यापारी की गाड़ी का पीछा करते हुए सेक्टर 2 पहुंचे और व्यापारी की गाड़ी को टक्कर मार दी।
टक्कर लगते ही व्यापारी ने गाड़ी रोक दी और आरोपियों ने व्यापारी को गाड़ी से नीचे उतारने की कोशिश की परंतु जब व्यापारी नीचे नहीं उतरा तो उन्होंने उसे चाकू मार दिया।
घायल अवस्था में व्यापारी को आरोपी इको गाड़ी में डालकर ले गए। इसी बीच व्यापारी ने आरोपी राकेश को पहचान लिया क्योंकि राकेश इसके पास से पिछले करीब 12 सालों से सामान खरीदा था।
व्यापारी ने आरोपी राकेश से कहा कि वह जितना पैसा चाहिए उसे लाकर दे देगा लेकिन मुझे छोड़ दे। परंतु आरोपी राकेश ने सोचा कि अब उसकी पहचान हो गई है और यदि व्यापारी जिंदा बच गया तो वह पुलिस को बता देगा और पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी।
जेल जाने के डर से आरोपियों ने व्यापारी को चाकू से कई वार करके उसकी हत्या कर दी और छांयसा रोड हीरापुर के पास उसके शव को फेंक दिया।
इस घटना के दौरान इको गाड़ी में काफी खून लग चुका था। खून के निशान मिटाने के लिए आरोपी गाड़ी को जंगल में ले गए और गाड़ी को आग लगा दी,और फरार हो गये थे।
गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से पुलिस मामले में गहनता से पूछताछ कर रही है और आरोपियों को कल अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा और वारदात में प्रयोग गाड़ी और हथियार बरामद किए जाएंगे।