इस समय देश समेत प्रदेश में महामारी से हाहाकार मचा है। प्रदेश में लगातार नए मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। मौतों का ग्राफ भी ऊँचा होता जा रहा है। अस्पतालों में बेड की कमी पड़ रही है। महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन भी लगाई जा रही है लेकिन यह वैक्सीन अस्पतालों में सुरक्षित नहीं है। इस के कहर के बीच प्रदेश में वैक्सीन चोरी होने का पहला मामला सामने आया है।
वैक्सीन चोरी कर चोर नौ दो ग्यारह हो गए लेकिन स्टाफ को भनक तक नहीं लगी। प्रदेश के जींद जिले के सरकारी अस्पताल के पास बने पीपी सेंटर से वैक्सीन चोरी हुई है। चोर वैक्सीन की 1710 डोज चोरी कर ले गए।
सरकारी अस्पतालों में जब वैक्सीन सुरक्षित नहीं है तो आम इंसान जो इलाज करवाने आ रहे हैं वो कैसे सुरक्षित हो सकते हैं। जींद के सरकारी अस्पताल में वैक्सीन रखने का मुख्य सेंटर है। वहीं, परिसर में पीपी सेंटर भी है। इसमें भी वैक्सीन रखी गई थीं। यहां पर कोविशील्ड और कोवैक्सीन की डोज रखी हुई थी। रात के समय किसी ने पीपी सेंटर का ताला तोड़कर वैक्सीन चोरी कर ली।
जब किसी चीज की कदर नहीं होती तो उसको ऐसे ही फटेहाल हाल में छोड़ दिया जाता है। जींद में भी यही हुआ। वैक्सीन की कदर नहीं की और 1700 से अधिक वैक्सीन चोर चुरा गए। स्वास्थ्य निरीक्षक ने बताया है कि वह सुबह जब सेंटर पर पहुंचे तो ताला टूटा हुआ था। देखा तो वैक्सीन नहीं थी। चोर 1270 कोविशील्ड और 440 कोवैक्सीन की डोज ले गए। इसके अलावा वहां पर रखीं कुछ फाइलें भी चोरी कर ले गए। हालांकि चोर उन्हीं फाइलों के पास रखे 50 हजार रुपये नहीं चोरी किया।
शक का घेरा बार – बार अस्पताल के ही किसी कर्मचारी पर जाता है। किसी ने कुछ घपला किया होगा इसलिए वैक्सीन के साथ – साथ फाइल्स भी चोरी कर गया। पैसे इसलिए छोड़ गया होगा क्योंकि घपले से पहले ही लाखों करोड़ों कमा चुका होगा तो 50 हज़ार उसे मामूली चीज़ लगी, खैर ये तो अब जाँच का विषय है।
चोर की जगी आत्मा
इतना सब हो जाने के बाद चोर की आत्मा जागी और उसने सभी वैक्सीन सिविल थाना के निकट एक चाय वाले की दुकान पर आकर रख दी। चोर ने एक नोट भी वैक्सीन के साथ छोड़ा जिसमें उसने लिखा कि ” उसे पता नहीं था यह महामारी की वैक्सीन है”