जितना खतरनाक वायरस है उससे कई ज्यादा भयभीत परिस्थिति उत्पन्न करने के लिए सरकार जिम्मेदार है। ऐसा हम नहीं बल्कि राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा का कहना है। दीपेंद्र का कहना है कि सरकार को यह बात समझनी होगी कि आंकड़ों को टालमटोल करने से हकीकत के पहलू को नही बदला जा सकता।
उन्होंने कहा कि इस तरह की अनदेखी भलें ही आंकड़ों में हो सकती है मटर इससे न ना कोरोना कम होगा और ना ही परिजनों को खोने वालों का दर्द। अस्पतालों में बेड्स की संख्या, ऑक्सीजन की सप्लाई व टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन हकीकत ये है कि सरकार क्षमता से भी आधी टेस्टिंग कर रही है।
उन्होंने इस विषय पर भी अपनी चिंता व्यक्त करते हु कहा कि वैक्सीन की डोज बर्बाद करने के मामले में 9.74 फीसदी के साथ हरियाणा देश में नंबर दो पर है। वहीं अगर इस कड़ी में हरियाणा सरकार की बात की जाएं तो अब तक लगभग ढाई लाख टीके बर्बाद कर चुकी है।
उन्होंने सरकार से सीधा सवाल किया कि बची हुई वैक्सीन डोज का उपयोग कैसे और किन पर करना है ये सरकार की प्लानिंग का हिस्सा क्यों नहीं है? माहमारी से ठीक हो चुके मरीजों का ब्लड प्लाज्मा किसी अन्य मरीज को जीवनदान दे सकता है। दिल्ली प्लाज्मा बैंक के अनुसार प्लाज्मा की काफी कमी है।
उन्होंने इससे ठीक हो चुके लोगों से अपील की कि वे प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आएं, टीम दीपेंद्र के सदस्य आवश्यकता अनुसार समन्वय और परिवहन में सहायता प्रदान करेंगे।
उन्होंने खुद ट्वीट कर जिलेवार अपनी टीम के सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर जारी किये और लोगों से अपील की है कि जिले के हिसाब से किसी भी साथी से संपर्क कर मदद ली जा सकती है।
साथ ही उन्होंने इस महामारी के खिलाफ मानवता की लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाने के लिये लोगों का आहवान करते हुए कहा कि और भी साथी मदद करने के लिए योगदान देना चाहते हो टीम दीपेंद्र को टैग करके अपना जिला और मोबाइल नंबर शेयर करें। उन्होंने कहा कि यह वक्त है जरूरतमंदों के काम आने का। इसलिए जितना हो सकें इस खतरनाक वायरस को अपने और अपनो तक न पहुंचने दिया जाए तभी कहीं जाकर हालातों में परिवर्तन लाया जा सकता है