HomePublic Issueलॉकडाउन में आर्थिक तंगी ने सताया , तो 3 महिलाओं ने यह...

लॉकडाउन में आर्थिक तंगी ने सताया , तो 3 महिलाओं ने यह दिलचस्प आइडिया अपनाया

Published on

महामारी से शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जिसमें आर्थिक तंगी और परेशानी का सामना ना किया हो। ऐसे ही कुछ हालात लॉकडाउन के चलते गांव मोहमदपुरिया ने 3 महिलाओं के समक्ष प्रस्तुत किया तो खुदको संभालते हुए स्वयं सहायता समूह बनाकर एक बनाने का लघु उद्योग स्थापित करें समाज को अभिप्रेरित किया।

दरअसल, हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गांव की निर्मला देवी, तारा देवी और संजू रानी ने मिलकर सर्वप्रथम इस आर्थिक स्थिति से जूझने से लेकर खुदको संभालते हुए सरकार से डेढ़ लाख का ऋण लेकर गांव में ही चप्पल बनाने की फैक्ट्री शुरू की। बता दें कि इस फैक्ट्री में तीनों ही महिलाएं कार्य करती हैं, जो दिल्ली से कच्चा माल मंगवाने से लेकर चप्पल की कटिंग से लेकर चप्पल बनाने का कार्य खुद करती हैं।

लॉकडाउन में आर्थिक तंगी ने सताया , तो 3 महिलाओं ने यह दिलचस्प आइडिया अपनाया

वैसे तो महिलाओं को हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 2 दिन का प्रशिक्षण भी दिया गया था। जिस पट संजू रानी ने बताती है कि उन्होंने एम. कॉम किया है और गांव मोहमदपुरिया में स्वदेशी चप्पल फैक्ट्री नाम से लघु उद्योग स्थापित किया हैं।

लॉकडाउन में आर्थिक तंगी ने सताया , तो 3 महिलाओं ने यह दिलचस्प आइडिया अपनाया

उन्होंने बताया कि ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गांव में एक फैक्ट्री खोली है, इसमें गांव की ही 3 महिलाएं मिलकर काम कर रही हैं। इस फैक्ट्री को स्थापित करने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उन्होंने डेढ़ लाख रुपए का लोन सरकार से लिया है। जिससे चप्पल बनाने के लिए मशीन और कच्चा माल खरीदा है

लॉकडाउन में आर्थिक तंगी ने सताया , तो 3 महिलाओं ने यह दिलचस्प आइडिया अपनाया

उन्होंने बताया कि चप्पल बनाने के बाद उन्हें के परिवार के एक व्यक्ति गांव-गांव जाकर चप्पल के लिए ऑर्डर लेते हैं और गांव की दुकानों पर सप्लाई की जाती है. जिसे अब महिलाओं को अच्छा रोजगार मिला है. उन्होंने कहा कि अन्य महिलाओं को भी इससे जुड़कर रोजगार अपनाना चाहिए.

लॉकडाउन में आर्थिक तंगी ने सताया , तो 3 महिलाओं ने यह दिलचस्प आइडिया अपनाया

तारो देवी और निर्मला देवी ने बताया कि उन्होंने हिसार के गांव जाखोड़ से ट्रैनिंग ली,और सरकार से लोन करवाया। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1 अप्रैल से ही इस फैक्ट्री को शुरू किया है उन्होंने बताया कि बहुत अच्छा काम भी चल रहा है और आमदनी भी अच्छी हो रही है. उन्होंने बताया कि पहले वह बिल्कुल फ्री बैठे रहते थे लेकिन अब काम शुरू होने से दो पैसे की आमदनी भी हो रही है ।

लॉकडाउन में आर्थिक तंगी ने सताया , तो 3 महिलाओं ने यह दिलचस्प आइडिया अपनाया

वास्तव में यह फैसला इनके लिए कितना उचित था उन्होंने स्वयं साबित कर दिया। अगर हौसले बुलंद हो तो समस्याएं कितनी भी क्यों ना हो हालात खुद ब खुद सुधर जाते हैं। मगर जरूरी है कि आपको समस्याओं से लड़ना और खुद को समस्याओं से बड़ा समझना आना चाहिए।

Latest articles

अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी ने मनाया 78 वा स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस की 78 वीं वर्षगांठ पर "अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी" द्वारा आजादी के...

हरियाणवी छोरो ने विदेशी धरती पर किया भारत का नाम रोशन, हॉकी में आया मेडल

पेरिस ओलंपिक गेम्स में भारत अपना परचम लहराता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे...

फरीदाबाद विधानसभा 89 में नारकीय जीवन जी रहे है लोग : सुमित गौड़

कांग्रेसी नेता ने हनुमान नगर की गली में जाकर लिया समस्याओं का जायजाफरीदाबाद। ओल्ड...

बीजेपी और जेजेपी छोड़कर करीब 20 नेताओं ने भी थामा कांग्रेस का दामन

फर्जी सर्वे, प्रचारतंत्र और इवेंटबाजी की हवा से फुलाए गए बीजेपी के गुब्बारे की...

More like this

अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी ने मनाया 78 वा स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस की 78 वीं वर्षगांठ पर "अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी" द्वारा आजादी के...

हरियाणवी छोरो ने विदेशी धरती पर किया भारत का नाम रोशन, हॉकी में आया मेडल

पेरिस ओलंपिक गेम्स में भारत अपना परचम लहराता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे...

फरीदाबाद विधानसभा 89 में नारकीय जीवन जी रहे है लोग : सुमित गौड़

कांग्रेसी नेता ने हनुमान नगर की गली में जाकर लिया समस्याओं का जायजाफरीदाबाद। ओल्ड...