एसडीएम अपराजिता ने कहा कि कोविड-19 के बचाव के लिए प्रशासन गंभीरता से कार्य कर रहा है। कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए भी प्रशासन व चिकित्सा विभाग के अधिकारी सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। एसडीएम अपराजिता केमिस्ट, स्टॉकिस्ट और डिस्ट्रीब्यूटर की बैठक को संबोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि प्रशासन चाहता है कि कोविड-19 के वैक्सीन रेमेडीशिवर/टोसीलीजम्ब या अन्य दवाइयों के लिए कोई भी व्यक्ति दर-दर ना भटके। कोविड-19 के उपचार के लिए मरीज की बेहतर सहायता समय पर मिले इसके लिए प्रशासन गम्भीरता से कार्य कर रहा है।
एसडीएम अपराजिता ने कहा कि उपमंडल के सभी केमिस्ट, स्टॉकिस्ट और डिस्ट्रीब्यूटर कोविड-19 से संबंधित रेमेडीशिवर/टोसीलीजम्ब या अन्य दवाइयों सीधे ही अस्पताल में उपलब्ध कराएंगे। कोविड-19 से सम्बंधित दवाइयों की बिक्री किसी भी बाहरी काउंटर पर नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संवेदनशील उपचाराधीन मरीजो का उपचार कर रहे संबंधित डॉक्टर द्वारा बीमारी की गंभीर स्थिति में ही मरीजों के लिए कोविड-19 वैक्सीन प्राप्त करने के लिए ऑनलाईन गूगल फार्म भरना होगा। ऑनलाईन गूगल फार्म को ड्रग कंट्रोलर इंस्पेक्टर की सहमति के पश्चात ही संबंधित डॉक्टर या अस्पताल को कोविड-19 के उपचार के लिए तुरंत रेमेडीशिवर/टोसीलीजम्ब या अन्य दवाइयों के वैक्सीन दिए जाएगा। उन्होंने बताया कि गूगल फॉर्म में संबंधित डॉक्टर को अपना लाइसेंस नंबर व नाम तथा पूरा पता लिखकर भरना होगा और कोविड-19 के गंभीर स्थिति के मरीज का पूरा विवरण भी भरना होगा।
कोविड-19 के अति संवेदनशील मरीज के उपचार के लिए ही इस वैक्सीन का प्रयोग करना होगा। एसडीएम अपराजिता ने कहा कि रेमेडीशिवर वैक्सीन केवल उन्हीं मरीजों को दिया जाएगा। जिनकी हालत कोविड-19 की बीमारी से संवेदनशील हो। यदि किसी भी अस्पताल या डॉक्टर द्वारा कोविड-19 के गंभीर मरीज के उपचार में अनदेखी की गई तो उसके खिलाफ सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी चिकित्सक द्वारा बाहरी दबाव में सामान्य मरीज को कोविड-19 के उपचार का वैक्सीन दिया गया तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
कोविड-19 के उपचार के लिए सरकार व प्रशासन गंभीरता से काम कर रहा है। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसडीएम अपराजिता ने कहा कि किसी भी अस्पताल या डॉक्टर द्वारा किसी मरीज पर बाहर से रेमेडीशिवर/टोसीलीजम्ब या अन्य दवाइयों वैक्सीन मंगवाने तथा किसी भी व्यक्ति द्वारा इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पाया गया तो उसके खिलाफ भी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।