जहां एक तरफ सिविल अस्पताल में महामारी टेस्टिंग की प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है वहीं दूसरी तरफ शहर भर के सभी निजी पैथोलॉजी लैब ने भी घर पर सैंपल लेने की व्यवस्था को बंद कर दिया है। कोई भी पैथोलॉजी लैब घर से सैंपल लेने को तैयार नहीं है।
दरअसल, इन दिनों जिले में महामारी का कहर लगातार जारी है। प्रतिदिन हजार से ज्यादा महामारी के मरीजों की पुष्टि हो रही है। संक्रमण के समय में जितनी ज्यादा टेस्टिंग होगी उतना ज्यादा कारागार परिणाम देखने को मिलेंगे परंतु जिले की निजी पैथोलॉजी लैब में अब घर पर आकर सैंपल लेने की व्यवस्था को बंद कर दिया है।
सेक्टर 29 स्थित डॉ ममता सेठिया अरोड़ा पैथोलॉजी से जब टेस्टिंग के लिए बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां स्टाफ की कमी है ऐसे में वह घर से सैंपल कलेक्ट नहीं कर सकते। यदि आपको सैंपल देना है तो लैब आना पड़ेगा।
चौधरी चरण सिंह मार्ग स्थित कंप्यूटराइज्ड पैथोलॉजी लैब में जब इस विषय में बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां पर घर से सैंपल नहीं लिए जाते हैं। जांच के लिए आपको पैथोलॉजी लैब ही आना पड़ेगा।
किशोर क्लिनिकल पैथोलॉजी लैब से जब इस विषय में बात की गई तो उन्होंने बताया कि जांच हम खुद नहीं करते। हम कई बड़ी कंपनियों के पैकेज दिला सकते हैं जिसकी शुरुआत 3000 से होती है वह कंपनी आपकी जांच करेंगी।
गौरतलब है कि लोगों की सुविधा के लिए घर पर सैंपल लेने की प्रक्रिया को शुरू किया गया था परंतु महामारी के प्रकोप के चलते इसे बंद कर दिया गया है वही जिले के सरकारी अस्पतालों में भी आरटी पीसीआर सेंपलिंग प्रक्रिया कुछ समय के लिए बंद है। अभी मरीजों का केवल रैपिड टेस्ट करवाया जा रहा है।
रैपिड एंटीजन टेस्ट को प्रामाणिक नहीं माना जाता है। इसमें नाक से सैंपल लिया जाता है जिसमें केवल यह पता चलता है कि व्यक्ति पॉजिटिव है या नेगेटिव वही आरटी पीसीआर में नाक व गले दोनों से सैंपल लिया जाता है जिसमें व्यक्ति के शरीर में महामारी किस स्टेज में है और उसका कितना प्रकोप है से, संबंधित सभी जानकारी मिलती है। आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट को आने में कम से कम 48 घंटे का समय लगता है।