हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अग्रिम खपत जमा (एसीडी) बिल को 1 साल के लिए स्थगित कर दिया है परंतु उसके बावजूद भी बिजली विभाग लोगों को बिल के साथ साथ अग्रिम खपत जमा जोड़ कर भेज रहा है जिससे उपभोक्ता काफी परेशान है। लोगों के अंदर इस मामले को लेकर रोष के साथ-साथ डर भी है। डर यह है कि यदि समय पर बिल नहीं भरा तो बिजली काट दी जाएगी।
कनफेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के प्रधान एएस गुलाटी ने बताया कि उनका बिल बढ़ कर आया है। एसीडी बिल को बिल में जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि बिजली विभाग बकायेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं करता वही ईमानदार और समय पर बिल भरने वाले लोगो को ही हमेशा दंडित किया जाता है। कन्फेडरेशन की मांग है कि केवल वास्तविक बिल ही भेजा जाए। ऑनलाइन बिल भरने पर एसीडी चार्ज देना ही होता है वरना बिजली का भुगतान नहीं होता।
एसजीएम नगर निवासी बिजली उपभोक्ता लज्जाराम ने भी यही शिकायत की। लज्जाराम ने बताया कि उनका बिल भी बढ़ कर आया है। महामारी के समय में पहले ही आमजन बहुत परेशान है ऊपर से बिजली विभाग का फरमान परेशानी और बढ़ा रहा है।
उन्होंने बताया कि वह अपने बिल का भुगतान ऑनलाइन करते हैं और ना चाहते हुए भी ऑनलाइन भुगतान में एसीडी चार्ज देना पड़ता है। सरकार तथा बिजली विभाग को जल्द से जल्द इस पर कार्यवाही करनी चाहिए।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले बिजली विभाग के द्वारा एक फरमान जारी किया गया था जिसमें स्पष्ट तौर पर यह लिखा था कि अब सभी उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी के नाम पर चार्ज देना होगा। यदि कोई ऐसा नहीं करता है तो उसका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा।
बिजली विभाग के फरमान से लोगों के अंदर काफी गुस्सा देखने को मिला वही लोगों को इस विषय में जानकारी भी नहीं थी। इस विषय में बिजली विभाग का कहना है कि सभी लोगों को मैसेज तथा मीडिया के माध्यम से इस विषय में अवगत कराया गया था।