एंबुलेंस के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर की खुल गई पोल, मरीजों के तीमारदारों को नहीं मिलता कोई रिस्पांस

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आपके द्वारा डायल किया गया नंबर जवाब नहीं दे रहा है, यह पंक्ति एंबुलेंस के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने पर मरीजों के तीमारदारों को सुनाई पड़ती है। प्रशासन द्वारा जारी ज्यादातर हेल्पलाइन नंबर या तो स्विच ऑफ आते हैं या फिर अधिकारी फोन को रिसीव करना ही जरूरी नहीं समझते।

जिला प्रशासन द्वारा एंबुलेंस को लेकर भी एक हेल्पलाइन नंबर जारी की गई है परंतु इस हेल्पलाइन नंबर से जरूरतमंद लोगों को कुछ खास रिस्पांस नहीं मिलता जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है।

एंबुलेंस के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर की खुल गई पोल, मरीजों के तीमारदारों को नहीं मिलता कोई रिस्पांस

एंबुलेंस के लिए 102, 108 करें या 9654584102 नंबर कोई मदद नहीं मिल पा रही है। आलम यह है कि हर नंबर लगातार व्यस्त हैं। वहीं, निजी अस्पताल भी आपात सेवा के नाम पर फोन का कोई जवाब नहीं दे रहे। फोन करने पर एंबुलेंस की सुविधा मिले तो अस्पताल में बेड न होने के नाम कहकर वह सेवाएं ही नहीं दे रहे।

ऐसे में व्यवस्था का हाल बुरा है। वहीं, जब फोन न लगने की जानकारी सहायता केंद्र से ली गई तो पता चला कि यह नंबर सेवा में ही नहीं हैं। एंबुलेंस सुविधा के लिए 7015398108 डायल कर मदद ली जा सकती है।

एंबुलेंस के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर की खुल गई पोल, मरीजों के तीमारदारों को नहीं मिलता कोई रिस्पांस

हैरत की बात यह है कि इस नंबर की जानकारी न तो एंबुलेंस केंद्र के बाहर लिखी है न ही किसी अन्य औपचारिक माध्यम से ही इसका प्रचार किया गया है।

ऐसे में लोग मदद के लिए गलत नंबर ही डायल कर रहे हैं, जबकि सहायता के लिए दूसरा नंबर सेवा में है। ऐसे में यह अधिकारियों की अनदेखी है कि सिविल अस्पताल में बनाए गए स्वास्थ्य केंद्र के एंबुलेंस सहायता कक्ष की दीवारों तक पर गलत नंबर का प्रचार प्रसार हो रहा है। एंबुलेंस तक पर गलत नंबर लिखा है, इस ओर किसी का कोई ध्यान ही नहीं।