हरियाणा में अस्पतालों में बेड को लेकर सरकारी आकड़ों पर न करें भरोसा, कुछ ऐसे हैं आकड़ें और सच्चाई

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महामारी का प्रकोप हर तरफ फैल गया है। जहां देखो वहां स्थिति चिंताजनक है। हर तरफ माहौल भयभीत करने वाला है। प्रदेश में सरकारी आंकड़ों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड खाली दिखाए जा रहे हैं, फिर भी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा। परिजनों को अपने मरीज की जान बचाने के लिए भटकना पड़ रहा है।

हरियाणा में महामारी बेकाबू हो चली है। दूसरी लहर सभी को डरा रही है। बेकाबू हो रहे संक्रमण के बीच राज्य में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड़ों को लेकर असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है। सरकार की ओर जारी हेल्थ बुलेटिन में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड खाली दिखाए जा रहे हैं।

हरियाणा में मरीजों को नहीं  मिल रहे  बेड।

 

हर कोई सहमा हुआ है। हर तरफ भय का माहौल है। प्रदेश में लगातार महामारी के मरीजों का ग्राफ बढऩे के चलते अस्पतालों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। हकीकत में अस्पताल बेड खाली न होने की बात कहकर मरीजों को इलाज के लिए भर्ती नहीं कर रहे। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार प्रदेशभर में मंगलवार तक 13988 ऑक्सीजन बेड में से 5881 खाली हैं।

Eight Months Into the Coronavirus Pandemic, ICU Hospital Beds Still a Tall  Order

इस भय के माहौल में सरकारी आंकड़ों पर यकीन कर पाना बहुत कठिन हो गया है। ऐसे ही 1920 वेंटिलेटर बेड में से 278 खाली बताए जा रहे हैं। लेकिन एनसीआर और जीटी बेल्ट के जिलों में गंभीर मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। तीमारदार एक अस्पताल से दूसरे में भागदौड़ कर रहे हैं। महामारी ने सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी तबाही मचा रखी है। हर जगह इस समय अलग सी अशांति है।

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महामारी की दूसरी लहर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। देश के लगभग सभी राज्य इस समय ऑक्सीजन की कमी, अस्पतालों में बेड्स की कमी और महामारी से हो रही मौत का सामना कर रहे हैं।